हरियाणा में कांग्रेस ने किया केजरीवाल से गठबंधन तो क्या अखिलेश के साथ भी बनाएगी संतुलन?
हरियाणा में कांग्रेस और आम आदमी पार्टी मिलकर विधानसभा चुनाव मैदान में उतर सकती है. कांग्रेस नेता और सांसद राहुल गांधी ने सोमवार को पार्टी की केंद्रीय चुनाव समिति की बैठक में हरियाणा नेताओं से गठबंधन पर फीडबैक मांगा है. राहुल से गठबंधन का संकेत मिलने के बाद आम आदमी पार्टी भी रजामंद नजर आ रही है. ऐसे में अगर हरियाणा में अरविंद केजरीवाल की पार्टी के साथ कांग्रेस गठबंधन करती है तो फिर सपा के साथ किस तरह से संतुलन बनाएगी, क्योंकि पार्टी प्रमुख अखिलेश यादव भी पूरे दमखम के साथ अपनी पार्टी को राष्ट्रीय पहचान दिलाने की कोशिश में जुटे हैं.
2024 के लोकसभा चुनाव में कांग्रेस और आम आदमी पार्टी ने मिलकर हरियाणा, गुजरात, गोवा, दिल्ली और चंडीगढ़ में चुनाव लड़ा था. हरियाणा में आम आदमी पार्टी ने एक सीट पर कुरुक्षेत्र में चुनाव लड़ा था, लेकिन जीत नहीं सकी. आम आदमी पार्टी और कांग्रेस का गठबंधन टूट गया था. इसके बाद दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने कहा था कि आम आदमी पार्टी हरियाणा की सभी 90 सीटों पर अपनी ताकत से चुनाव लड़ेगी तो हरियाणा के कांग्रेसी नेताओं ने भी किसी से गठबंधन न करने की बात कही थी. लेकिन अब राहुल गांधी ने अपने नेताओं से हरियाणा में फिर से गठबंधन के लिए राय मांगी हैं.
हरियाणा नेताओं से फीडबैक
हरियाणा के सियासी मिजाज को देखते हुए राहुल गांधी ने सोमवार को केंद्रीय चुनाव समिति की बैठक में गठबंधन के लिए हरियाणा नेताओं से फीडबैक मांगा है. राहुल ने अपने नेताओं से पूछा कि अकेले चुनाव लड़ने से नुकसान तो नहीं होगा. क्या गठबंधन की कोई संभावना बन सकती है. राहुल के इस बात पर भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने कहा कि आम आदमी पार्टी बहुत ज्यादा सीटें मांग रही है. उन्होंने कहा कि तीन से चार सीट दी जा सकती हैं, लेकिन उनकी ख्वाहिश बड़ी है, इसलिए गठबंधन कर पाना मुश्किल है. इस पर राहुल गांधी ने कहा कि फिर भी इंडिया गठबंधन का वोट ना बटे, ऐसी कोशिश हम सबको मिलकर करनी चाहिए, आप लोग देखिए की क्या संभव है.