यूक्रेन शांति वार्ता में मध्यस्थ की भूमिका निभा सकते हैं चीन और भारत: पुतिन

मॉस्को। रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने कहा है कि यूक्रेन संकट को समाप्त करने के लिए चीन और भारत और ब्राज़ील संभावित रूप से मध्यस्थ की भूमिका निभा सकते हैं। पुतिन ने कहा कि दोनों देशों के साथ रूस के मजबूत संबंध हैं, और वे वैश्विक शांति और स्थिरता में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकते हैं।

पुतिन ने कहा, “चीन और भारत, दोनों ही बड़े वैश्विक खिलाड़ी हैं और उनके पास यूक्रेन संकट के समाधान के लिए मध्यस्थता करने की क्षमता है। उनके निष्पक्ष दृष्टिकोण और कूटनीतिक प्रभाव से इस युद्ध को समाप्त करने की दिशा में महत्वपूर्ण प्रगति हो सकती है।”

यह बयान ऐसे समय में आया है जब यूक्रेन युद्ध में शांति वार्ता की संभावना पर वैश्विक समुदाय की नजर है। रूस और यूक्रेन के बीच जारी संघर्ष में चीन और भारत दोनों ने अपनी तटस्थता बनाए रखी है और शांति की अपील की है।

भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग ने भी विभिन्न मौकों पर शांति और कूटनीतिक समाधान पर जोर दिया है। पुतिन के इस बयान के बाद अब देखना होगा कि इन दोनों देशों की क्या भूमिका होती है और क्या वे वास्तव में शांति वार्ता के लिए किसी पहल में शामिल होंगे।

पुतिन का यह बयान वैश्विक कूटनीति में भारत और चीन की बढ़ती भूमिका को भी दर्शाता है, जिससे यह संकेत मिलता है कि यूक्रेन संकट के समाधान में इन दोनों देशों की अहम भूमिका हो सकती है।

आपको बता दे की 9 जुलाई को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी क्रेमलिन में रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन से मुलाकात की थी। PM मोदी ने कहा था शांति बहाली के लिए भारत हर तरह से सहयोग करने को तैयार है…मैं आपको और विश्व समुदाय को आश्वस्त करता हूं कि भारत शांति के पक्ष में है। कल मेरे मित्र पुतिन को शांति के बारे में बात करते हुए सुनकर मुझे आशा मिलती है। मैं अपने मीडिया मित्रों से कहना चाहूंगा – संभव है।

Leave A Reply

Your email address will not be published.