Bomb Threat : फ्लाइट्स के बाद अब CRPF स्कूलों को मिली बम से उड़ाने की धमकी, स्कूल प्रबंधन को मिला धमकी भरा ईमेल

नई दिल्ली। केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (CRPF) को एक फर्जी धमकी भरा ई-मेल मिला है, जिसमें दावा किया गया है कि दिल्ली और तेलंगाना में उसके तीन स्कूलों और उसके परिसरों में स्थित दो केंद्रीय विद्यालयों को विस्फोटकों से निशाना बनाया जाएगा। हालांकि, बाद में यह धमकी फर्जी साबित हुई। धमकी मिलने के बाद इन स्कूलों की जांच की और इस दौरान कुछ भी संदिग्ध नहीं मिला। उन्होंने बताया कि मंगलवार को इन विद्यालयों में कक्षाएं सुचारु रूप से चलीं।

गौरतलब है कि देश में इन दिनों विभिन्न एयरलाइंस भी बम की धमकी मिलने का सिलसिला जारी है। इसके चलते विभिन्न एयरलाइंस को भारी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है।

ई-मेल की जांच कर रही साइबर सेल

सूत्रों ने बताया कि सीआरपीएफ के ये स्कूल दिल्ली के रोहिणी और द्वारका तथा हैदराबाद के समीप मेडचल में स्थित हैं जबकि अर्धसैनिक बल के पंचकूला (हरियाणा) और रामपुर (उत्तर प्रदेश) परिसर में स्थित दो केंद्रीय विद्यालयों के संबंध में भी इसी तरह की धमकी मिली। दिल्ली पुलिस के एक वरिष्ठ अधिकारी ने पहचान गुप्त रखते हुए बताया कि रोहिणी स्थित सीआरपीएफ पब्लिक स्कूल की चाहरदीवारी के बाहर धमाके के एक दिन बाद आए धमकी भरे ई-मेल की जांच साइबर सेल ने शुरू कर दी है। उन्होंने कहा कि दिल्ली पुलिस ने ई-मेल सर्विस प्रोवाइडर को पत्र लिखकर ई-मेल भेजने वाले की पहचान और अन्य जानकारी मुहैया कराने को कहा है।

तमिलनाडु के नेता का किया जिक्र

सूत्रों के मुताबिक ई-मेल भेजने वाले ने तमिलनाडु की राजनीति और द्रविड़ मुनेत्र कषगम (द्रमुक)के बर्खास्त पदाधिकारी जाफर सादिक का भी जिक्र किया है। अधिकारी ने कहा कि दिल्ली पुलिस की साइबर सेल की टीम का गठन किया गया है जो जांच करेगी कि क्या यह धमकी दिल्ली के रोहिणी के प्रशांत विहार में सीआरपीएफ पब्लिक स्कूल के बाहर रविवार की सुबह हुए धमाके से जुड़ी है।

खालिस्तान के एंगल से भी जांच

सुरक्षा और खुफिया एजेंसियां रविवार सुबह हुए इस विस्फोट में खालिस्तानी समर्थकों की भूमिका की जांच कर रही हैं। धमकी भरा ई-मेल सोमवार रात को मिला था। इसमें दावा किया गया था कि मंगलवार को सुबह 11 बजे तक कुछ विद्यालयों में विस्फोट हो सकता है। सीआरपीएफ विद्यालयों का संचालन नक्सल विरोधी, जम्मू कश्मीर में आतंकवाद रोधी और पूर्वोत्तर में उग्रवादी रोधी अभियानों में तैनात देश का सबसे बड़ा अर्द्धसैन्य बल करता है।

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