मां-बाप को बेघर किया तो खैर नहीं, नवंबर से न ‘घर’ मिलेगा न ‘पानी’
माता-पिता को अब घर से निकाला या उनको वृद्धाश्रम जाने के लिए मजबूर किया तो आपकी खैर नहीं। घर में सताए हुए वृद्धों के दुखों को कम करने की इस नवाचार को रतलाम नगर निगम नवंबर में लागू करेगा। ऐसा करने वाला रतलाम नगर निगम देश का पहला निगम बन जाएगा।
योजना सफल तो प्रदेश में होगी लागू
वृद्धों का आसरा ना छिन पाए इसलिए योजना की बुनियाद रखी है। इसका सकारात्मक असर आने पर पूरे प्रदेश में योजना का प्रसार होगा। सरकार ने एक तरह से इसे पायलट प्रोजेक्ट के तौर पर स्वीकार कर लिया है। इस बारे में महापौर प्रहलाद पटेल ने कुछ दिन पहले उज्जैन में मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव से मुलाकात कर चर्चा की थी।
शहर में आवास गणना कराई थी
नवाचारी पहल पर निगम ने प्रस्ताव बना लिया है, जिसे दिवाली पूर्व एमआइसी में लाया जाएगा। योजना का खाका भी बन गया है। शहर में हाल ही में आवासों की गणना हुई है, इस गणना के साथ-साथ यह भी देखा गया है कि कितने परिवार में वृद्ध हैं।
सूचना देना होगी
योजना अनुसार जिन वृद्ध को परिवार के सदस्यों ने घर से निकाला या वृद्धाश्रम जाने को मजबूर किया है, ऐसे लोगों को सिर्फ नगर निगम को सूचित करना होगा। इसके आधार पर आवेदन की प्रक्रिया हो जाएगी। अगले चरण में निगम के कर्मचारी परिवार के सदस्यों से बात करेंगे। अगर वे वृद्ध को घर में लेने से इंकार करते हैं तो नल कनेक्शन भले पूरा टैक्स भरा हुआ हो, काट दिया जाएगा। नामांतरण निरस्त करने की प्रक्रिया भी चलेगी।
माता-पिता का सम्मान जरूरी
माता-पिता का सम्मान जरूरी है। कुछ दिन में ऐसे कई मामले सामने आए, जहां परिवार के वृद्ध को घर से बाहर किया व उन्होंने आकर निगम से मदद मांगी। इसके बाद ही इस प्रकार का नवाचार करने का निर्णय लिया है। इसकी तैयारी अंतिम चरण में है, नवंबर में हम इसको लागू करेंगे।-प्रहलाद पटेल, महापौर, नगर निगम, रतलाम