महाराष्ट्र में वोटिंग के बीच बिटकॉइन मामले ने पकड़ा तूल, रायपुर में गौरव मेहता के घर पहुंची ED की टीम

प्रवर्तन निदेशालय ने बुधवार को गौरव मेहता के छत्तीसगढ़ परिसर में तलाशी ली, जो कथित तौर पर चुनावी राज्य महाराष्ट्र में बिटकॉइन लेनदेन मामले से जुड़ा है। आधिकारिक सूत्रों ने इस बात की जानकारी दी है। यह तलाशी चल रही मनी लॉन्ड्रिंग जांच के हिस्से के रूप में की जा रही है। छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर में मेहता के ठिकानों को धन शोधन निवारण अधिनियम (पीएमएलए) के प्रावधानों के तहत कवर किया जा रहा है। गौरव मेहता का नाम तब सुर्खियों में आया जब पूर्व आईपीएस अधिकारी रवींद्रनाथ पाटिल ने उन्हें 2018 क्रिप्टोकरेंसी धोखाधड़ी मामले में मुख्य गवाह बताया।

एक ऑडिट फर्म के सलाहकार गौरव मेहता 6,600 करोड़ रुपये के क्रिप्टोकरेंसी घोटाले की जांच में पुणे पुलिस की सहायता कर रहे थे। सुप्रिया सुले और राज्य कांग्रेस प्रमुख नाना पटोले से जुड़े “महाराष्ट्र चुनाव के लिए क्रिप्टो फंड” घोटाले के सिलसिले में गौरव मेहता के आवास पर तलाशी चल रही है। पाटिल ने आगे दावा किया कि मेहता से सुप्रिया सुले और नाना पटोले ने संपर्क किया था, जिन्होंने चुनाव से संबंधित उपयोग के लिए घोटाले से जुड़े बिटकॉइन से नकदी मांगी थी।

 

पाटिल ने आरोप लगाया कि सुप्रिया सुले और राज्य कांग्रेस प्रमुख नाना पटोले ने 2018 के मामले में बिटकॉइन का दुरुपयोग किया और इस साल महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव के नतीजे को प्रभावित करने के लिए उसी फंड का इस्तेमाल किया। हालांकि, एनसीपी (शरद पवार) नेता सुप्रिया सुले ने बुधवार को आरोपों को खारिज करते हुए कहा कि बीजेपी सांसद सुधांशु त्रिवेदी द्वारा चलाए गए ऑडियो क्लिप में आवाज उनकी नहीं है। सुले ने आज संवाददाताओं से कहा, ”मेरी आवाज नहीं है। ये सभी वॉयस नोट और संदेश फर्जी हैं।”

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