हाईकोर्ट ने ‘राम-जानकी मंदिर’ ट्रस्ट मामले में कलेक्टर को दिया 60 दिन का समय
जबलपुर। मध्य प्रदेश हाई कोर्ट ने नरसिंहपुर जिले के कंदेली स्थित राम-जानकी मंदिर ट्रस्ट की जमीन बेचने के मामले में कलेक्टर को 60 दिन के भीतर निराकरण करने और रिपोर्ट सौंपने के निर्देश दिए हैं। जस्टिस एमएस भट्टी की एकल पीठ ने इस मामले में कलेक्टर को स्पष्ट आदेश दिए हैं कि वे समयसीमा के भीतर जांच पूरी कर कोर्ट में रिपोर्ट पेश करें।
याचिकाकर्ता जबलपुर निवासी यदुवंश कुमार त्रिवेदी ने आरोप लगाया है कि उनके पूर्वजों द्वारा स्थापित ट्रस्ट के अंतर्गत राम-जानकी मंदिर का प्रबंधन और व्यवस्थापन किया जाता था। 2009 में एक व्यवस्था पत्र के माध्यम से उनके छोटे भाई सुरेंद्र कुमार त्रिवेदी को मंदिर की देखरेख की जिम्मेदारी सौंपी गई थी। यदुवंश कुमार ने आरोप लगाया है कि सुरेंद्र त्रिवेदी ने मंदिर की संपत्ति को बिना अधिकार नर्मदा डेवलपर के साथ मिलकर बेच दिया और कलेक्टर की अनुमति से वहां निर्माण कार्य भी शुरू करवा दिया।
याचिकाकर्ता के अनुसार, मंदिर की संपत्ति में सभी भाई-बहनों का बराबर का अधिकार है, लेकिन सुरेंद्र त्रिवेदी ने इस संपत्ति को व्यक्तिगत रूप से बेचने का प्रयास किया। उन्होंने इस मामले में कलेक्टर से संपत्ति के दुरुपयोग को रोकने की मांग की थी। जब कलेक्टर द्वारा इस पर कोई कार्रवाई नहीं की गई, तो यदुवंश कुमार ने हाई कोर्ट में याचिका दायर की।
हाई कोर्ट ने इस मामले में नरसिंहपुर कलेक्टर को आदेश दिया है कि वे 60 दिन के भीतर इस विवाद का समाधान निकालें और जांच की विस्तृत रिपोर्ट कोर्ट को सौंपें।