मध्य प्रदेश को फिर एक तोहफा: NTCA ने माधव पार्क को टाइगर रिजर्व बनाने की दी मंजूरी, इससे क्या फायदे होंगे, जानें
मध्य प्रदेश को बड़ा तोहफा मिला है। नेशनल टाइगर कंजर्वेशन अथॉरिटी (NTCA) ने शिवपुरी स्थित माधव राष्ट्रीय उद्यान को टाइगर रिजर्व बनाने की अनुमति दे दी है। टाइगर रिजर्व बनने से पहले उद्यान में एक नर और एक मादा बाघ छोड़े जाएंगे। माधव के टाइगर रिजर्व बनने से बाघों के संरक्षण के साथ-साथ कूनो नेशनल पार्क में चल रही चीता परियोजना को भी फायदा होगा। वन्यजीव संरक्षण के साथ ईको टूरिज्म की संभावनाएं बढ़ जाएंगी। NTCA से मंजूरी मिलने के बाद अब अब एमपी सरकार आगे की प्रक्रिया शुरू करेगी। सबकुछ ठीक रहा तो 6 महीने के पहले ‘माधव राष्ट्रीय उद्यान’ टाइगर रिजर्व बन जाएगा।
मध्य प्रदेश में अभी सतपुड़ा, पेंच, बांधवगढ़, कान्हा, संजय डुबरी, पन्ना और रानी दुर्गावती को मिलाकर 7 टाइगर रिजर्व हैं। माधव राष्ट्रीय उद्यान को मिलाकर अब एमपी में आठ रिजर्व हो जाएंगे। रातापानी को रिजर्व बनाने का नोटिफिकेशन जारी होते ही प्रदेश में टाइगर रिजर्व की संख्या बढ़कर 9 हो जाएगी।
1751 वर्ग किलोमीटर होगा रिजर्व का क्षेत्रफल
एनटीसीए की तकनीकी समिति की बैठक में रविवार को एमपी के माधव राष्ट्रीय उद्यान को बाघ अभयारण्य के रूप में अधिसूचित करने के प्रस्ताव को चर्चा में शामिल किया था। सभी बिंदुओं पर बातचीत के बाद मंजूरी दी गई। प्रस्तावित रिजर्व का कोर क्षेत्र 375 वर्ग किलोमीटर और बफर क्षेत्र 1276 वर्ग किलोमीटर होगा। इस तरह कुल क्षेत्रफल 1751 वर्ग किलोमीटर होगा।