CRR में कटौती से आएंगे 1 लाख करोड़, आम आदमी को मिलेगा ये पैसा, एसबीआई ने बताया RBI के इस फैसले का फायदा
मुंबई. आरबीआई ने अपनी मॉनटेरी पॉलिसी में ब्याज दरें नहीं घटाई लेकिन बैंक कैश रिजर्व रेशियो में जरूर कटौती कर दी. बैंक अधिकारियों ने नकद आरक्षित अनुपात (CRR) में आधा प्रतिशत की कटौती के आरबीआई के फैसले की सराहना की है. उन्होंने कहा कि इससे बैंकों के लिए फंड की लागत में कमी आएगी. इस कटौती के साथ सीआरआर 4.5 प्रतिशत से घटकर चार प्रतिशत हो गया, जिससे बैंकों को 1.16 लाख करोड़ रुपये की अतिरिक्त नकदी मिलेगी. बैंकिंग उद्योग के संगठन आईबीए के चेयरमैन एम वी राव ने कहा, ”उत्पादक क्षेत्रों को लोन देने के लिए बैंकों के पास अतिरिक्त संसाधन होंगे. इससे बैंकों के लिए फंड की लागत भी कम होगी.” राव सार्वजनिक क्षेत्र के सेंट्रल बैंक ऑफ इंडिया के मुख्य कार्यकारी और प्रबंध निदेशक भी हैं.
SBI ने क्या कहा
उन्होंने कहा कि सीआरआर में कटौती से प्रणाली में 1.16 लाख करोड़ रुपये की नकदी आएगी और ब्याज दरों को अपेक्षाकृत कम रखने में मदद मिलेगी. देश के सबसे बड़े ऋणदाता एसबीआई के चेयरमैन सी एस सेट्टी ने नीति को व्यावहारिक और स्पष्टवादी बताया. उन्होंने कहा, ”सीआरआर में आधा प्रतिशत की कटौती, एफसीएनआर (बी) जमा दरों में वृद्धि, सुरक्षित एक दिन की रुपया दर (एसओआरआर) मानक का विकास और गिरवी वाले कृषि ऋण की सीमा में संशोधन जैसे सभी उपाय बैंकों के लिए सकारात्मक हैं.”
क्या है कैश रिजर्व रेशियो (CRR)
कैश रिजर्व रेशियो (CRR) वह रकम है जिसे बैंकों को हर समय भारतीय रिजर्व बैंक के पास रखना होता है. सीआरआर में कटौती बैंकों के लिए लाभदायक होती है. जब सेंट्रल बैंक CRR को कम करता है, तो कमर्शियल बैंक अपने डिपॉज़िट का सीमित हिस्सा रिज़र्व के रूप में रख सकते हैं, जिससे पैसे की आपूर्ति में बढ़ोत्तरी होती है. वहीं, CRR के बढ़ने से बैंक की उधार देने की क्षमता घट जाती है.
RBI के फैसले का स्वागत
उन्होंने कहा कि वित्तीय सेवाओं में फर्जी खातों का पता लगाने के लिए प्रौद्योगिकी के उपयोग के लिए एक समिति बनाने का फैसला समय पर लिया गया है. स्टैंडर्ड चार्टर्ड बैंक की जरीन दारूवाला ने विनियामक और विकास कदमों का स्वागत करते हुए कहा कि धीमी वृद्धि के बावजूद रेपो दर में बदलाव नहीं करने का एमपीसी का फैसला मुद्रास्फीति पर लगाम लगाने पर जोर को दर्शाता है.