महाराष्ट्र में वीवीपैट की गिनती में कोई गड़बड़ी नहीं पाई गई : चुनाव आयोग

नई दिल्ली। महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव के बाद इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन (ईवीएम) पर कांग्रेस और उसके सहयोगी दलों द्वारा लगातार उठाये जा रहे सवालों के बीच भारतीय निर्वाचन आयोग ने आरोपों को खारिज करते हुए मंगलवार को कहा कि राज्य में वीवीपैट की गिनती में किसी प्रकार की खामी सामने नहीं आई है।
आयोग ने एक प्रेस विज्ञप्ति में कहा कि नियमों के मुताबिक हर विधानसभा क्षेत्र के पांच पोलिंग स्टेशनों के ईवीएम के वोटों का वीवीपैट से मिलान जरूरी होता है। इन पांच पोलिंग स्टेशनों का चयन लॉटरी के जरिये होता है और वीवीपैट तथा ईवीएम के वोटों के मिलान के दौरान चुनाव आयोग के ऑब्जर्वर और हर उम्मीदवार के प्रतिनिधि मौजूद होते हैं।

प्रेस विज्ञप्ति में बताया गया है कि 23 नवंबर 2024 को मतगणना के दिन महाराष्ट्र की 288 विधानसभा सीटों के लिए 1,440 पोलिंग स्टेशन के वीवीपैट स्लिप का मिलान किया गया था।

आयोग ने कहा, “हर विधानसभा क्षेत्र में पांच पोलिंग स्टेशन के वोटों की गिनती के बाद कहीं भी उम्मीदवारों को ईवीएम में मिले वोट और वीवीपैट मशीन की पर्ची में कोई गड़बड़ी नहीं पाई गई।” उसने बताया कि सभी 36 जिलों से जिला निर्वाचन अधिकारियों की रिपोर्ट आ चुकी है।

चुनाव आयोग का कहना है कि इस प्रक्रिया के पूरी होने से संबंधित दस्तावेज पर सभी उम्मीदवारों के प्रतिनिधियों ने हस्ताक्षर किए हैं। यह पूरी प्रक्रिया एक अलग कमरे में हुई है, जहां विशेष सुरक्षा व्यवस्था की गई थी। पूरी प्रक्रिया सीसीटीवी कैमरे में कैद की गई है और उसकी रिकॉर्डिंग सुरक्षित रखी गई है।

प्रेस विज्ञप्ति में कहा गया है कि जब तक पांच पोलिंग स्टेशनों पर वीवीपैट और ईवीएम के वोटों के मिलान की प्रक्रिया पूरी नहीं हो जाती, विधानसभा क्षेत्र की गिनती प्रक्रिया पूरी नहीं मानी जाती और न ही चुनाव परिणाम की घोषणा की जाती है। चुनाव आयोग ने कहा कि सभी 288 विधानसभा सीटों पर इस प्रक्रिया का सख्ती से पालन किया गया है।

उल्लेखनीय है कि महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव में करारी हार झेलने के बाद विपक्षी गठबंधन महाविकास अघाड़ी ने ईवीएम में गड़बड़ी के आरोप लगाए थे। खासकर कांग्रेस और शरद पवार के नेतृत्व वाली एनसीपी (एसपी) ने भविष्य में ईवीएम की जगह बैलेट पेपर से मतदान कराने की मांग की है।

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