शीतकालीन सत्र: लोकसभा में पीएम मोदी का संविधान पर संबोधन, कहा- हमारा लोकतांत्रिक अतीत दुनिया को प्रेरणा देने वाला
शनिवार (14 दिसंबर) को संसद के शीतकालीन सत्र के 15वें दिन दिन पीएम मोदी ने लोकसभा में भाषण दिया। पीएम मोदी ने इस मौके पर कहा कि हम सभी के लिए यह बेहद गौरव का पल है। 75 साल की यादगार और गौरवपूर्ण की यात्रा के मूल में हमारे संविधान निर्माताओं की दूर दृष्टि है। संविधान के 75 वर्ष पूर्ण होने पर एक उत्सव मनाने का पल है। मेरे लिए यह खुशी की बात है कि संसद भी इस खुशी के पल में शामिल होंगे। इस उत्सव में जिन सांसदों ने भी हिस्सा लिया मैं उनका अभिनंदन करता हूं।
भारत के नागरिक अभिनंदन के हकदार हैं
पीएम मोदी ने कहा कि जिस समय देश आजाद हुआ, उस समय भारत के लिए जो भी संभावनाएं जाहिर की गई थी, उन सभी संभावनाओं को निरस्त करते हुए भारत का संविधान हमें यहां तक ले लाया है। इस उपलब्धि के लिए मैं संविधान निर्माताओं के साथ देश के कोटि कोटि नागरिकों को नमन करता हूं जिन्होंने इस भावनाओं को जीकर दिखाया है। संविधान निर्माताओं का जो सपना था, उस पर भारत के नागरिक हर कसौटी पर खड़े उतरे हैं, इसलिए वह अभिनंदन के अधिकारी है।
हमारा लोकतांत्रिक अतीत काफी पुराना है
पीएम मोदी ने कहा कि संविधान के निर्माता यह नहीं मानते थे कि भारत में लोकतंत्र 1947 से आया है। वह हमारे देशों की हजारों साल की परंपराओं का भान था। भारत का लोकतंत्र और भारत का गणतांत्रिक अतीत विश्व के लिए प्रेरक रहा है। तभी तो भारत आज मदर ऑफ डेमोक्रेसी के तौर पर जाना जाता है। हम सिर्फ एक विशाल लोकतंत्र नहीं बल्कि लोकतंत्र की जननी है।