5 महिला 2 पुरुष, पति-पत्नी और 6 बच्चे… बांग्लादेशियों को किया जा रहा डिपोर्ट, कैसे दिल्ली पुलिस खोल रही पोल

नई दिल्ली. दिल्ली पुलिस राजधानी में रह रहे अवैध बांग्लादेशियों और रोहिंग्या मुसलमानों के खिलाफ ऑपरेशन चला रही है. इसी ऑपरेशन के तहत सभी थाना इलाकों में घर-घर जाकर पुलिस वेरिफिकेशन कर रही है. लगातार अवैध रूप से रह रहे बांग्लादेशियों को पड़कर पुलिस देशी क्षेत्रीय पंजीकरण कार्यालय (एफआरआरओ) की मदद से डिपोर्ट भी कर रही है. उसी कड़ी में वसंत कुंज थाना इलाके से दिल्ली पुलिस ने आठ बांग्लादेशियों को पड़कर डिपोर्ट किया है. पकड़े गए बांग्लादेशी बांग्लादेश के मदारीपुर जिले के रहने वाले हैं.

अधिकारी ने बताया कि निर्वासित लोगों में जहांगीर, उसकी पत्नी और उसके छह बच्चे शामिल हैं जो बांग्लादेश के मदारीपुर जिले के केकरहाट गांव के रहने वाले हैं. पुलिस के अनुसार, जहांगीर ने अवैध तरीके से भारत में प्रवेश करने और उसके बाद अपने परिवार को यहां लाने की बात स्वीकार की है. उसने अपने बांग्लादेशी पहचान पत्र नष्ट कर दिए थे और अपनी मूल पहचान छिपाकर दिल्ली में रह रहा था.

दिल्ली पुलिस इन अवैध बांग्लादेशियों के खिलाफ डोर टू डोर वेरिफिकेशन कैंपेन चला रही है. इस वेरिफिकेशन कैंपेन में हर घर में जाकर पुलिस पड़ताल करती है और वेरिफिकेशन फॉर्म जिसे दिल्ली पुलिस की भाषा में पर्चा 12 कहा जाता है, वह उन लोगों को दिया जा रहा है जो लोग पश्चिम बंगाल या दूसरे राज्यों से आकर यहां बसने की बात बता रहे हैं. पुलिस पर्चा 12 में खुद को पश्चिम बंगाल के रहने वाले बताने वालों के पश्चिम बंगाल के एड्रेस को भी वेरिफाई करवा रही है, जिससे अवैध बांग्लादेशियों का पता लगाया जा सके.

दरअसल, पुलिस की जांच में यह बात सामने आई है कि अवैध बांग्लादेशी पहले पश्चिम बंगाल में दाखिल होते हैं और फिर वहां के फर्जी कागजात बनाकर दिल्ली आ जाते हैं. पुलिस जब पूछताछ करती है तब यह अवैध बांग्लादेशी अपने आप को पश्चिम बंगाल का रहने वाला बताते हैं. जिसके चलते इन पर कार्रवाई करना पुलिस के लिए मुश्किल हो जाता है. यही वजह है कि पुलिस पर्चा 12 के जरिए इनके पश्चिम बंगाल स्थित गांव को भी वेरिफाई करवा रही है और इस वेरिफिकेशन के जरिए कई अवैध बांग्लादेशियों को पुलिस ने गिरफ्तार कर वापस बांग्लादेश रिपोर्ट किया है.

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