सोमवती अमावस्या को कर लें ये 5 काम, बंपर आर्थिक उन्नति के साथ मिलेगा पितरों का आशीर्वाद
हिंदू धर्म में पौष मास की अमावस्या का विशेष धार्मिक महत्व है. अगर अमावस्या के दिन सोमवार या शनिवार का संयोग बने तो उसका महत्व कई गुणा अधिक बढ़ जाता है. वैदिक पंचांग के अनुसार, साल 2024 की आखिरी अमावस्या 30 दिसंबर को है. चूंकि, इस दिन सोमवार है इसलिए इसे सोमवती अमावस्या कहा जा रहा है. सोमवती अमावस्या के दिन मुख्य रूप से माता पार्वती के संग-संग भगवान शिव की उपासना का भी विधान है. इसके अलावा सोमवती अमावस्या पितरों की कृपा पाने के लिए भी खास मानी गई है. आइए जानते हैं कि सोमवती अमावस्या पर किन उपायों को करने से आर्थिक स्थिति बेहतर होगी और पूर्वजों का आशीर्वाद प्राप्त होगा.
शास्त्रों के अनुसार, सोमवती अमावस्या के दिन कुछ नियमों का विशेष तौर पर पालन करना चाहिए. क्योंकि, ऐसा करने से घर-परिवार में खुशहाली बनी रहती है. ऐसे में सोमवती अमावस्या के दिन भगवान शिव की विशेष कृपा पाने के लिए महामृत्युंजय मंत्र का जाप करना चाहिए. इसके अलावा भगवान शिव का अभिषेक करना चाहिए. कहा जाता है कि सोमवती अमावस्या के दिन ये काम करने से आर्थिक तंगी दूर होती है और घर-परिवार में खुशहाली बनी रहती है. साथ ही साथ घर में धन आगमन से मार्ग खुले रहते हैं.
वैदिक पंचांग के अनुसार, सोमवती अमावस्या के दिन स्नान और दान के लिए शुभ मुहूर्त सुबह 5 बजकर 24 मिनट से लेकर 6 बजकर 19 मिनट तक है. वहीं, अमावस्या तिथि की शुरुआत 30 दिसंबर को सुबह 4 बजकर 1 मिनट से लेकर 31 दिसंबर को सुबह 3 बजकर 56 मिनट तक रहेगा.
सोमवती अमावस्या 2024 उपाय
सोमवती अमावस्या पर सूर्योदय से पहले उठकर किसी पवित्र नदी में स्नान करें. यदि ऐसा करना संभव न हो सके, तो नहाने के पानी में गंगाजल मिलाकर स्नान करें.
सोमवती अमावस्या के दिन पूजा घर में पितरों के निमित्त घी का दीपक जलाएं. पितृ तर्पण के लिए सात्विक भोजन तैयार करें और ब्राह्मण को निमंत्रण देकर उन्हें भोजन कराएं. अगर ऐसा नहीं कर सकते तो किसी मंदिर में पुजारी को भोजन की सामग्री दान करें.
सोमवती अमावस्या के दिन भोजन, वस्त्र और धन का दान करना अत्यंत शुभ माना जाता है. साथ ही साथ गाय, कौवे और कुत्तों को भोजन कराना भी पुण्यदायक होता है.
भगवान शिव और भगवान विष्णु की पूजा करें। उनकी कृपा प्राप्त करने के लिए वैदिक मंत्रों का जाप करें.
पीपल के वृक्ष की पूजा करें और इसके चारों ओर 108 बार धागा लपेटकर परिक्रमा करें. यह दीर्घायु, सौभाग्य और धन प्राप्ति का प्रतीक माना जाता है.
गरीबों और जरूरतमंदों को भोजन, वस्त्र और अन्य आवश्यक सामग्री दान करें. ऐसा करने से न सिर्फ ग्रह दोष शांत होते हैं, बल्कि समाज में सकारात्मक ऊर्जा का संचार भी होता है.