Rahul Gandhi Yatra: 26 जनवरी को महू से शुरू होगी राहुल गांधी की यात्रा, क्या जीत पाएंगे दलितों का दिल?
भोपाल। कांग्रेस सांसद राहुल गांधी तीसरी बार यात्रा पर जा रहे हैं। उनकी यह यात्रा इस बार बहुत खास मानी जा रही है। इसकी वजह है कि राहुल गांधी की यह यात्रा बाबा साहेब अंबेडकर के जन्मस्थान महू से आरंभ होगी। राहुल गांधी ने अपनी पहली यात्रा दक्षिण और फिर दूसरी यात्रा की शुरूआत उत्तर-पूर्व से की थी और अब तीसरी यात्रा की शुरुआत देश के दिल मध्यप्रदेश से करने जा रहे हैं। यात्रा के साथ दिल्ली विधानसभा चुनाव के ठीक पहले राहुल गांधी हिंदी भाषी राज्यों को केन्द्र में रखकर दलित राजनीति पर फोकस रहेंगे।
जातिगत जनगणना का मुद्दा
राहुल गांधी ने जातिगत जनगणना का मुद्दा उठाकर देश की जनता की नब्ज पकड़ने की कोशिश की है। इसके साथ ही दलित प्रेम भी आगे बढ़ा रहे हैं एमपी में ‘जयभीम’ का नारा यूपी, बिहार और दिल्ली तक जाएगा। अब सवाल है कि राहुल की ये यात्रा कांग्रेस से दूर हुए दलित वोटर्स को कितना अपनी तरफ खींच पाएगी। एमपी की धरती से यह यात्रा (Rahul Gandhi Yatra) शुरु होने जा रही है, यहां पर कांग्रेस पिछले 20 वर्षों से सत्ता से बाहर है, बीच में 15 महीने के लिए कांग्रेस ने वापसी की थी लेकिन वह भी उतनी उत्साहजनक नहीं थी। हाल ही हुए लोकसभा चुनावों में भी कांग्रेस को ऐतिहासिक हार मिली है, यहां पर सभी 29 सीटों पर कांग्रेस का सफाया हो गया।
राहुल की महू यात्रा से क्या फायदा होगा कांग्रेस को
राहुल उस प्रदेश से अपनी यात्रा का आगाज़ करने जा रहे हैं जहां पर बीजेपी लगातार दो दशकों से सत्ता पर काबिज है। हालांकि पिछले दो चुनावों में उससे दलित वोट थोड़ा दूर हुआ है लेकिन अब राहुल चाहते हैं कि दलितों के मुद्दों खासतौर से बीजेपी द्वारा अम्बेडकर की उपेक्षा का मुद्दा उठाकर वे देश के दलितों को कांग्रेस की तरफ आकर्षित करने का प्रयास करें। हालांकि राजनीतिक विश्लेषक सतीश एलिया कहते हैं कि राहुल की यात्रा (Rahul Gandhi Yatra) का कितना इंपैक्ट होता है, ये भविष्य बताएगा। दिल्ली में चुनाव हैं और ऐसे में देखना होगा कि राहुल का यह दलित प्रेम उनको कितना फायदा दिला पाता है। राहुल गांधी जिन मुद्दों को लगातार उठा रहे हैं, उनमें संविधान पर मंडरा रहे खतरे और जातिगत जनगणना के मुद्दे सबसे ऊपर हैं।