PM मोदी ने 65 लाख स्वामित्व संपत्ति कार्ड बांटे: कहा- 100 लाख करोड़ से ज्यादा की आर्थिक गतिविधियों का रास्ता खुलेगा

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शनिवार(18 जनवरी) को 10 राज्यों और 2 केंद्र शासित प्रदेशों में 65 लाख स्वामित्व संपत्ति कार्ड बांटे। वर्चुअल कार्यक्रम में पीएम मोदी ने कहा, आज का दिन गांवों और अर्थव्यवस्था के लिए ऐतिहासिक है। पांच साल पहले शुरू हुई यह योजना ग्रामीणों को उनके घर और जमीन का कानूनी प्रमाण देने के लिए बनाई गई थी। यह कदम ग्रामीण विकास के साथ-साथ संपत्ति पर अधिकार को मजबूत करने के लिए उठाया गया। पीएम मोदी ने कहा कि सरकार के इस पहल से 100 लाख करोड़ से ज्यादा की आर्थिक गतिविधियों का रास्ता खुलेगा।

 

 

UN के प्रॉपर्टी राइट्स अध्ययन का जिक्र 
पीएम मोदी ने अपने संबोधन में संयुक्त राष्ट्र (UN) के अध्ययन का हवाला देते हुए कहा, ‘दुनिया के कई देशों में गरीबी दूर करने के लिए प्रॉपर्टी राइट्स (Properties Right) को अहम बताया गया है। हमने इस दिशा में सवा 2 करोड़ दस्तावेज बांटकर बड़ा कदम उठाया है। पहले ग्रामीणों के पास उनकी संपत्ति के पक्के दस्तावेज नहीं थे। इसकी पजह से लाखों-करोड़ों की संपत्ति रहने के बाद भी उसकी कीमत नहीं थी। इसकी वजह से घरों के मालिकाना हक को लेकर विवाद होते थे। कई बार दबंग मकानों पर कब्जा कर लिया करते थे। बैंक से भी लाेग नहीं मिल पाता था। ऐसा कई दशकों तक होता रहा। लेकिन हमारी पहल से अब गांव के लोगों के पास भी संपत्ति के दस्तावेज मिल गए हैं, जिससे उनका फायदा हुआ है।

ड्रोन तकनीक से गांवों का सर्वेक्षण
पीएम मोदी ने कहा कि पीएम मोदी ने कहा कि 2014 में जब हमारी सरकार आई तो हमने इस मुद्दे से निपटने का ठाना। कोई भी सरकार गांव में रहने वाले अपने लोगों को ऐसी परेशानी में नहीं छोड़ सकती थी। ऐसे में हमने यह योजना शुरू की। तय किया कि गांव के घर-जमीनों की ड्रोन मैपिंग शुरू की जाएगी और सभी को संपत्ति के दस्तावेज दिए जाएंगे। स्वामित्व योजना के तहत देश के 6 लाख से ज्यादा गांवों में ड्रोन के जरिए जमीन और घरों की मैपिंग की जा रही है। अब तक आधे से ज्यादा गांवों में यह प्रक्रिया पूरी हो चुकी है। इस योजना ने ग्रामीणों को न केवल कानूनी सुरक्षा दी है बल्कि उन्हें अपनी संपत्ति के जरिए लोन लेकर छोटे-बड़े व्यापार शुरू करने का मौका भी दिया है।

 

 

आर्थिक गतिविधियों का रास्ता खुलेगा
पीएम मोदी ने कहा कि जमीनों के दस्तावेज बनने के बाद देश में 100 लाख करोड़ से ज्यादा की आर्थिक गतिविधियों का रास्ता खुल जाएगा। प्रॉपर्टी कार्ड के जरिए जमीनों को एक खास पहचान दी गई है। देश में करीब 23 करोड़ भू-आधार नंबर जारी किए जा चुके हैं। इसकी मदद से आसानी से यह पता किया जा सकता है कि कौन सा प्लॉट किस व्यक्ति का है। हर प्लॉट की पहचान करना आसान हो गया है। बीते 8 साल में करीब 98 प्रतिशत लैंड रिकॉर्ड का डिजिटलीकरण भी पूरा हो चुका है।

10 साल में  3.75 लाख किलोमीटर सड़कें बनाई
पीएम मोदी ने कहा कि आजादी के बाद के इतने दशक बीतने के बाद भी हमारे गांवों  में रहने वाले करोड़ों लोग सड़क जैसी मूलभूत सुविधा से वंचित थे। सबसे ज्यादा परेशान आदिवासी समाज के परिवार थे। साल 2000 में जब अटल बिहारी देश के प्रधानमंत्री बने तो प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना शुरू की गई। अब तब इस योजना के तहत देश भर में 8 लाख किलोमीटर से ज्यादा सड़कें बनाई जा चुकी हैं। बीते 10 साल में हमारी सरकार ने 3 लाख 75 हजार किलोमीटर सड़कें तैयार की हैं।

 

 

गांवों की कनेक्टिविटी और विकास पर जोर
पीएम मोदी ने कहा कि हमारी सरकार सीमांत गांवों की कनेक्टिविटी बढ़ाने पर ध्यान दे रही है। वाइब्रेंट योजना के तहत 2 लाख से ज्यादा पंचायतों को ब्रॉडबैंड से जोड़ा गया है। 5 लाख से ज्यादा नए कॉमन सर्विस सेंटर बनाए गए हैं। इसके अलावा, किसानों को सस्ती खाद उपलब्ध कराने के लिए 12 लाख करोड़ रुपए की सब्सिडी दी गई है।

स्वामित्व योजना के तहत अब तक क्या हुआ?
स्वामित्व योजना के तहत अब तक 3 लाख से अधिक गांवों में सर्वेक्षण पूरा हो चुका है। 1 लाख 44 हजार से अधिक कार्ड बनाए गए हैं, जिनमें से 1 लाख 13 हजार से ज्यादा कार्ड बांटे जा चुके हैं। इस योजना ने ग्रामीणों को उनकी संपत्ति का मालिकाना हक देकर विवादों को कम किया है। इसकी मदद  से अब गांवों की जमीन पर भी बैंकों से लोन लेना आसान हुआ है।

अब इन पांच सवाल-जवाबों में जानें क्या है स्वामित्व योजना?

 

 

Q: स्वामित्व योजना क्या है और इसे कब शुरू किया गया था?
A: स्वामित्व योजना केंद्र सरकार की एक पहल है। इसके तहत ग्रामीण क्षेत्रों में लोगों को संपत्ति का मालिकाना हक दिलाया जा रहा है। जिन ग्रामीणों के पास अपनी संपत्ति का दस्तावेज नहीं हैं, उन्हें प्रॉप्रर्टी कार्ड दिए जा रहे हैं। इसे 24 अप्रैल 2021 को 9 राज्यों में पायलट प्रोजेक्ट के तौर पर शुरू किया गया था।

Q: स्वामित्व योजना में कौन-सी तकनीक का इस्तेमाल किया जाता है?
A: इस योजना में ड्रोन तकनीक का इस्तेमाल किया जाता है। इसके जरिए गांवों की जमीनों की मैपिंग और सर्वेक्षण किया जाता है, जिससे संपत्ति मालिकों का रिकॉर्ड तैयार कर उन्हें संपत्ति कार्ड दिया जा सके।

Q: स्वामित्व योजना में कितने राज्य और केंद्र शासित प्रदेश शामिल हुए हैं?
A: अब तक 31 राज्य और केंद्र शासित प्रदेश इस योजना में शामिल हो चुके हैं। हालांकि, पश्चिम बंगाल, बिहार, नागालैंड और मेघालय इस योजना का हिस्सा नहीं बने हैं।

 

 

Q: स्वामित्व योजना का मुख्य उद्देश्य क्या है?
A: इस योजना का उद्देश्य ग्रामीणों को उनकी संपत्तियों का मालिकाना हक दिलवाना है। इसके अलावा, संपत्ति विवादों को कम करना और संपत्तियों को मोनेटाइज कर लोगों के लिए बैंकों से लोन प्राप्त करना आसान बनाना भी इसका उद्देश्य है।

Q: स्वामित्व योजना किन राज्यों में पूरी तरह लागू हो चुकी है?
A: त्रिपुरा, गोवा, उत्तराखंड और हरियाणा जैसे राज्यों में स्वामित्व योजना पूरी तरह लागू हो चुकी है। इसके अलावा, मध्य प्रदेश, उत्तर प्रदेश, छत्तीसगढ़ और कई केंद्र शासित प्रदेशों में ड्रोन सर्वेक्षण भी पूरा हो चुका है।

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