तहव्वुर राणा भारत लाया जाएगा: अमेरिकी सुप्रीम कोर्ट से प्रत्यर्पण को हरी झंडी, मुंबई हमले के मास्टरमाइंड की अपील खारिज
मुंबई हमले (26/11) के दोषी तहव्वुर राणा को जल्द भारत लाया जाएगा। अमेरिकी सुप्रीम कोर्ट ने 21 जनवरी को उसकी प्रत्यर्पण अपील खारिज कर दी। राणा ने 13 नवंबर 2024 को निचली अदालत के फैसले के खिलाफ अपील की थी, लेकिन उसकी यह आखिरी कोशिश भी नाकाम रही। राणा को 2009 में FBI ने गिरफ्तार किया था। इसके बाद भारत ने अमेरिकी अदालत में ठोस सबूत पेश कर उसके प्रत्यर्पण की मांग की थी। हालांकि, राणा ने प्रत्यर्पण से बचने के लिए हर पैंतरा आजमाया, लेकिन सफल नहीं रहा। आखिरकार, अमेरिकी सुप्रीम कोर्ट ने भारत-अमेरिका के बीच हुए प्रत्यर्पण संधि (Extradition Treaty) के तहत तहव्वुर को भारत लाने की मंजूरी दे दी है। आइए, जानते हैं कैसे मिली भारत को यह कूटनीतिक जीत।
राणा और हेडली की दोस्ती से बना आतंकी नेटवर्क
तहव्वुर राणा, मुंबई हमले के मास्टरमाइंड डेविड हेडली का बचपन का दोस्त है। चार्जशीट के मुताबिक, राणा ने हेडली को आर्थिक मदद दी और हमले की जगहों की पहचान करने में मदद किया। 26 नवंबर 2008 को मुंबई में लश्कर-ए-तैयबा के 10 आतंकियों ने हमला किया था। इस हमले में 166 लोग मारे गए थे। इनमें एक अमेरिकी नागरिक भी शामिल थे। राणा और हेडली ने मिलकर इस हमले का ब्लूप्रिंट तैयार किया था। भारत ने इस हमले की साजिश में राणा की भूमिका पर ठोस सबूत अमेरिकी अदालत में पेश किए थे।
अमेरिकी अदालतों में राणा ने झोंकी ताकत
तहव्वुर राणा ने खुद को भारत भेजे जाने से बचाने के लिए हर संभव कोशिश की। उसने लॉस एंजिलिस के डिस्ट्रिक्ट कोर्ट और सैन फ्रांसिस्को कोर्ट में याचिका दायर की थी। 15 अगस्त 2024 को उसकी अपील खारिज कर दी गई थी। इसके बाद राणा ने हेबियस कॉर्पस (habeas corpus) के जरिए दलील दी कि उसे अवैध रूप से हिरासत में रखा गया है। प्रत्यर्पण के आदेश के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में अपील दायर की। हालांकि, अमेरिकी अदालत ने माना कि भारत के पास उसके खिलाफ पर्याप्त सबूत हैं। सुप्रीम कोर्ट ने भी निचली अदालत का फैसला बरकरार रखा और प्रत्यर्पण की मंजूरी दे दी।