ग्रामीण इलाकों में 21.9 और शहरों में 23.4 घंटे बिजली सप्लाई, सरकार का बड़ा दावा
गर्मी का मौसम शुरू होते ही पूरे देश में बिजली सप्लाई की चर्चा शुरू हो जाती है. शहर से लेकर गांव तक लोग बिजली कटौती को लेकर परेशान रहते हैं. सरकार से सप्लाई ठीक करने की गुहार लगाते हैं. इधर, सरकार ने बिजली को लेकर अलग ही दावा किया है. 2025 में गर्मी के आने से पहले सरकार ने कहा है कि 24 घंटे तो नहीं लेकिन हम 21 घंटे से ज्यादा बिजली पूरे देश में दे रहे हैं.
यानी पूरे भारत के घरों में 21 घंटे से ज्यादा बिजली हर महीने आती है. सरकार का कहना है कि रिन्यूएबल एनर्जी पर भी काम तेजी से हो रहा है. जल्द ही हम हर घर को 24 घंटे बिजली मुहैया करा देंगे.
गांव में 21.9 तो शहर में 23.4 घंटे बिजली
बिहार के सांसद भीम सिंह के एक सवाल के जवाब में केंद्रीय मंत्री श्रीपद नाइक ने बताया कि देश में बिजली की सप्लाई को बढ़ाने के लिए लगातार काम हो रहा है. नाइक के मुताबिक वर्तमान में देश के गांवों में 21.9 घंटे बिजली मुहैया कराया जा रहा है, जो 2014 में 12.5 घंटा था.
मंत्री के मुताबिक देश के शहरों में 23.4 घंटे बिजली मुहैया कराया जाता है. पहले यह आंकड़ा 22 घंटे का था. सरकार का कहना है कि देश में बिजली का उत्पादन पूर्ण है. वर्तमान में पूरे देश में 462 गीगवाट बिजली उत्पादन हो रहा है.
एक अन्य सवाल के जवाब में केंद्रीय मंत्री ने बताया कि देश में 2024 के अप्रैल से दिसंबर तक 1,280,037 मेगावाट बिजली की डिमांड थी, जबकि बिजली विभाग ने 1,278,565 मेगावाट सप्लाई किया. 1,472 मेगावाट का सप्लाई नहीं कर पाया.
हर साल बढ़ रहा है पीक ओवर डिमांड
सांसद डी हेगड़े के एक सवाल के जवाब में बिजली मंत्री ने बताया कि हर साल पीक ओवर डिमांड में बढ़ोतरी हो रही है. सरकार के मुताबिक 2019-20 में 1,83,804 मेगावाट पीक डिमांड था, जो 2024-25 (दिसंबर) तक बढ़कर 2,49,856 मेगावाट हो गया.
वहीं पिक ओवर डिमांड को पूरा करने में सरकार आगे है. 2019-20 में पीक ओवर में 1,271 मेगावाट के डिमांड को पूरा नहीं किया जा सका था, लेकिन 2024-25 में यह सिर्फ 2 मेगावाट था. यानी सरकार पीक ओवर के वक्त सप्लाई पर खासा ध्यान रख रही है.
24 घंटे बिजली देने के लिए क्या कर रही सरकार?
केंद्र सरकार का कहना है कि 2032 तक स्थापित उत्पादन क्षमता 874 गीगावॉट होने की संभावना है. अगर ऐसा होता है तो बिजली की सप्लाई 24 घंटे की हो जाएगी. सरकार इसके अलावा पनबिजली और न्यूकिलियर परियोजना पर भी फोकस कर रही है.
सरकार का कहना है कि 1399 मेगावाट बिजली उत्पादन के लिए पनबिजली परियोजना पर काम कर रही है, जो 2032 में पूर्ण हो जाएगा. वहीं 7,300 मेगावाट की परमाणु क्षमता निर्माणाधीन है, जो 2029-30 में पूर्ण होगा.
सरकार बिजली की डिमांड और सप्लाई को लेकर कोई कन्फ्यूजन न हो, इसके लिए राज्यों से कॉर्डिनेट कर एक कमेटी बनाने पर काम कर रही है.