समावेशी विकास सुनिश्चित करना है बजट का लक्ष्य : निर्मला सीतारमण
नई दिल्ली। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने मंगलवार को केंद्रीय बजट 2025-26 पर लोकसभा में हुई आम चर्चा का जवाब दिया। उन्होंने पश्चिम एशिया से लेकर यूक्रेन तक जारी युद्ध का जिक्र करते हुए कहा कि ऐसी अनिश्चितताओं के वातावरण में तैयार इस बजट में ‘ट्रांसफॉर्मिंग इंडिया’ को ‘विकसित भारत’ बनाने की चुनौतियों को साधने की कोशिश की गई है। बजट का उद्देश्य समावेशी विकास के साथ ही अन्नदाता, गरीब, नारी और युवाओं पर फोकस करना था।
निर्मला सीतारमण ने कहा, “यह बजट ऐसे समय में आया है जब काफी अनिश्चितताएं हैं और वैश्विक आर्थिक परिवेश में बदलाव ने इसे चुनौतीपूर्ण बना दिया है। इसलिए यदि ऐसी चुनौतियां हैं, जिनके कारण बजट तैयार करना और भी अधिक अनिश्चितताओं वाला हो गया है, तो मुझे कम से कम सदन के समक्ष यह बात रखनी होगी कि ऐसे मुद्दे हैं जो वैश्विक चिंता का विषय हैं और जिनका हमारे बजट निर्माण पर भी प्रभाव पड़ता है।”
सीतारमण ने कहा, “बजट राष्ट्रीय विकास आवश्यकताओं को राजकोषीय प्राथमिकताओं के साथ संतुलित करता है। सरकार पूंजीगत व्यय के लिए 99 प्रतिशत उधार का उपयोग कर रही है, जो सकल घरेलू उत्पाद का 4.3 प्रतिशत है।”
वित्त मंत्री ने बजट के चार मुख्य लक्ष्य बताए जिनमें जीडीपी विकास में तेजी लाना, समावेशी विकास सुनिश्चित करना, निजी क्षेत्र के निवेश को एकीकृत करना और घरेलू निवेश को बढ़ावा देना शामिल है।
सीतारमण ने आगे कहा कि बजट का फोकस गरीबों, युवाओं, अन्नदाता और महिलाओं पर है। इसका उद्देश्य कृषि, एमएसएमई और निर्यात को बढ़ावा देने के लिए नई योजनाओं और सुधारों को सामने लाना है, जो विकास और ग्रामीण समृद्धि और लचीलेपन के साथ-साथ विकास के इंजन के रूप में काम करेंगे।
उन्होंने कहा कि पश्चिम एशिया में वैश्विक संघर्ष जारी है, रूस-यूक्रेन युद्ध जारी है, वैश्विक जीडीपी में स्थिरता और उभरते बाजारों में स्थिर मुद्रास्फीति सभी विकासशील अर्थव्यवस्थाओं में माहौल को खराब कर रहे हैं। हमारे पास आदर्श रूप से ऐसी स्थिति है जो मुक्त व्यापार को प्रोत्साहित करे, हम कोई प्रतिबंध नहीं देख रहे हैं, हम वैश्वीकरण के लिए बहुत दृढ़ता से वचनबद्ध हैं।