कर्नाटक सरकार के बजट पर तेज हुई सियासत, BJP ने कसा तंज, बताया मॉडर्न मुस्लिम लीग बजट
भाजपा के राष्ट्रीय प्रवक्ता प्रदीप भंडारी ने शुक्रवार को पेश किए गए बजट को लेकर कांग्रेस नीत कर्नाटक सरकार पर तीखा हमला किया। करते हुए भंडारी ने आज पेश किए गए बजट को “आधुनिक मुस्लिम लीग” का बजट बताया और दावा किया कि कर्नाटक सरकार ठीक उसी तरह सरकार चला रही है जैसे मोहम्मद अली जिन्ना ने पाकिस्तान में सरकार चलाई थी। भाजपा प्रवक्ता ने कांग्रेस सरकार पर संवैधानिक मूल्यों को “वापस लेने” और ऐसे बयानों और नीतियों को लागू करने का आरोप लगाया जो केवल अल्पसंख्यक समुदायों के हित में हैं।
भाजपा नेता ने कहा कि कर्नाटक में कांग्रेस पार्टी ने आधुनिक मुस्लिम लीग बजट पारित किया है। इस आधुनिक मुस्लिम लीग बजट में कांग्रेस पार्टी इमामों का मानदेय बढ़ाकर 6000 रुपये कर रही है। वक्फ को 150 करोड़ रुपये दिए जा रहे हैं। आत्मरक्षा प्रशिक्षण के लिए पैसा केवल अल्पसंख्यक लड़कियों को दिया जा रहा है। अल्पसंख्यकों के लाभ के लिए 1000 करोड़ रुपये से अधिक का उपयोग किया जा रहा है। कल कर्नाटक सरकार ने हुबली दंगाइयों के खिलाफ मामले वापस लेने की बात कही। तो, कर्नाटक में कांग्रेस पार्टी ठीक उसी तरह सरकार चला रही है जैसे पाकिस्तान में मोहम्मद अली जिन्ना ने सरकार चलाई थी। यह संवैधानिक मूल्यों को वापस ले रही है और यह केवल उन बयानों, नीतियों को लागू कर रही है जो अल्पसंख्यक समुदायों के हित में हैं।
भाजपा नेता नलिन कोहली ने कहा कि कांग्रेस पार्टी हमेशा से अल्पसंख्यकों को खुश करने के एजेंडे पर चलती आई है। कर्नाटक सरकार अल्पसंख्यकों को खुश करने के इसी एजेंडे पर चल रही है। हमने देखा है कि पहले कर्नाटक के किसानों को वक्फ बोर्ड ने नोटिस भेजा था कि यह उनकी जमीन है। इस पर काफी हंगामा हुआ और फिर भाजपा ने हस्तक्षेप किया। कर्नाटक सरकार बैकफुट पर चली गई। अब लगता है कि उन्होंने अल्पसंख्यक समुदाय की लड़कियों को आत्मरक्षा सिखाने के लिए कुछ फंड आवंटित किए हैं।
कांग्रेस पर वार करते हुए उन्होंने कहा कि जब वे ऐसा करते हैं, तो क्या राज्य के नागरिकों को यह पूछने का हक नहीं है कि क्या बहुसंख्यक समुदाय की लड़कियों को भी आत्मरक्षा सीखने की अनुमति नहीं दी जानी चाहिए? इसके अलावा, क्या वे यह कहना चाह रहे हैं कि केवल अल्पसंख्यक समुदाय की लड़कियों को ही अपनी सुरक्षा करने का अधिकार है? क्या यह संविधान के आदर्शों के साथ टकराव नहीं है? क्या वे यह कहना चाह रहे हैं कि अल्पसंख्यक समुदाय की लड़कियों को किससे खतरा है? बहुसंख्यक समुदाय के लड़कों से?