सूरत में फेक करंसी रैकेट का भंडाफोड़, बांग्लादेश और पश्चिम बंगाल से जुड़ा कनेक्शन

सूरत: गुजरात पुलिस ने फेक करंसी रैकेट का पर्दाफाश करते हुए दो आरोपियों को गिरफ्तार किया है। यह रैकेट केवल सूरत तक सीमित नहीं था, बल्कि इसका कनेक्शन लगभग 2000 किलोमीटर दूर बांग्लादेश और पश्चिम बंगाल से भी जुड़ा हुआ पाया गया। पुलिस ने इस कार्रवाई में 500 रुपये के जाली नोटों की बड़ी खेप बरामद की है।

गुप्त सूचना से कार्रवाई तक
सूरत पुलिस की स्पेशल ऑपरेशन ग्रुप (SOG) को गुप्त सूचना मिली थी कि शहर के पुना इलाके में एक अपार्टमेंट में नकली नोटों का कारोबार चल रहा है। इस जानकारी के आधार पर पुलिस ने छापा मारा और खानपान व्यवसाय से जुड़े विजय चौहान (27) और सुरेश लाठीदड़िया (55) को गिरफ्तार किया। तलाशी के दौरान उनके पास से 500 रुपये के 18 नकली नोट बरामद हुए, जिनका कुल मूल्य 9,000 रुपये है।

बड़ी साजिश का खुलासा
जांच में सामने आया कि सुरेश लाठीदड़िया पहले से ही फेक करंसी के मामलों में लिप्त रहा है और उस पर जाली नोट से जुड़े तीन मामले दर्ज हैं, जिनकी जांच नेशनल इन्वेस्टिगेशन एजेंसी (NIA) कर रही है। पुलिस के अनुसार, लाठीदड़िया ने पश्चिम बंगाल के वॉन्टेड आरोपी ताहिर शेख से छह लाख रुपये मूल्य के जाली नोट महज दो लाख रुपये में खरीदे थे। वहीं, ताहिर शेख ने ये नोट बांग्लादेश से मंगवाए थे।

व्यापारियों और आम लोगों को बना रहे थे निशाना
एसओजी ने बताया कि आरोपी छोटे व्यापारियों और आम नागरिकों को निशाना बनाकर नकली नोटों को बाजार में खपाने की कोशिश कर रहे थे। वे सब्जी और पान की दुकानों पर असली नोटों से नकली नोटों की अदला-बदली कर रहे थे।

पुलिस की बरामदगी और आगे की जांच
छापेमारी के दौरान पुलिस ने न केवल नकली नोट बरामद किए, बल्कि एक नोट डिटेक्टर मशीन, कुछ मोबाइल फोन और 1.03 लाख रुपये नकद भी जब्त किए, जो आरोपी नकली नोटों का उपयोग करके जुटा चुके थे।

पुलिस अब यह जांच कर रही है कि यह रैकेट और किन-किन शहरों तक फैला हुआ था और क्या इसके तार किसी बड़े गिरोह से जुड़े हुए हैं। इस खुलासे के बाद सूरत पुलिस ने नकली करंसी के खिलाफ सतर्कता बढ़ा दी है और आम नागरिकों से भी अपील की है कि वे संदिग्ध नोट मिलने पर तुरंत पुलिस को सूचित करें।

 

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