11 केवी विद्युत लाइन की चपेट में आने से दो मासूमों की मौत, एक घायल, ग्रामीणों में आक्रोश

जबलपुर, पाटन। शनिवार सुबह पाटन के सुरैया गांव में एक दर्दनाक हादसा हुआ, जब 11 केवी की विद्युत लाइन का तार टूटकर खेत में गिर गया। इस घटना में सगे भाई-बहन चांदनी (12 वर्ष) और प्रशांत (10 वर्ष) की करंट लगने से मौके पर ही मौत हो गई, जबकि दिलीप गंभीर रूप से झुलस गया, जिसका अस्पताल में इलाज जारी है। हादसे के बाद ग्रामीणों में जबरदस्त आक्रोश फैल गया, और उन्होंने बिजली विभाग की लापरवाही के खिलाफ प्रदर्शन किया।

ग्रामीणों का फूटा गुस्सा, सड़क जाम कर किया प्रदर्शन
घटना के बाद गुस्साए ग्रामीणों ने बिजली विभाग पर लापरवाही का आरोप लगाते हुए शवों को थाने के बाहर रखकर विरोध जताया। उन्होंने कुछ समय के लिए पाटन-शहपुरा मार्ग भी अवरुद्ध कर दिया। सूचना मिलते ही पुलिस और बिजली विभाग के अधिकारी मौके पर पहुंचे और स्थिति को नियंत्रित करने का प्रयास किया। पुलिस ने समझाइश देकर प्रदर्शनकारियों को शांत किया और मृतकों के शवों को पोस्टमार्टम के लिए भेजा।

कैसे हुआ हादसा?
प्राप्त जानकारी के अनुसार, सुरैया हार में रहने वाले चांदनी, प्रशांत और दिलीप रोज की तरह सुबह खेत में काम कर रहे थे। इस दौरान उन्होंने देखा कि कुछ मवेशी खेत में घुस आए हैं, जिन्हें भगाने के लिए वे खेत में पहुंचे। दुर्भाग्यवश, खेत में पहले से टूटकर पड़ा 11 केवी का हाई-वोल्टेज तार उनकी चपेट में आ गया। करंट लगते ही चांदनी और प्रशांत की मौके पर ही मौत हो गई, जबकि दिलीप गंभीर रूप से घायल हो गया।

गांव में शोक और आक्रोश
घटना की खबर मिलते ही पूरे गांव में शोक की लहर दौड़ गई। मृतकों के परिजनों का रो-रोकर बुरा हाल था, वहीं ग्रामीणों ने बिजली विभाग की लापरवाही पर कड़ी नाराजगी जताई। उनका कहना था कि इस टूटे हुए तार की जानकारी पहले भी दी गई थी, लेकिन विभाग ने समय रहते कोई कार्रवाई नहीं की, जिसके चलते यह हादसा हुआ।

जांच के आदेश, प्रशासन सतर्क
पुलिस ने पंचनामा कार्रवाई पूरी कर शवों को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया है और मामले की विस्तृत जांच शुरू कर दी गई है। वहीं, बिजली विभाग ने भी मामले की जांच के आदेश दे दिए हैं। प्रशासन ने आश्वासन दिया है कि दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।

इस हादसे ने एक बार फिर बिजली विभाग की लापरवाही को उजागर कर दिया है, जिससे ग्रामीणों में असंतोष बढ़ता जा रहा है। प्रशासन पर अब दबाव है कि वह भविष्य में ऐसी घटनाओं को रोकने के लिए ठोस कदम उठाए।

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