नवरात्र स्थापना 30 मार्च को, जानिये घट स्थापना का शुभ मुहूर्त व किस दिन होगी किस देवी की पूजा

ज्योतिष शास्त्र के अनुसार 30 मार्च चैत्र शुक्ल प्रतिपदा से हिंदू नववर्ष विक्रम संवत 2082 का आरंभ होगा। इस दिन सर्वार्थ अमृत सिद्धियोग बन रहा है। रविवार से नववर्ष का आरंभ होने से इस वर्ष के राजा सूर्य होंगे। नवग्रहों के मंत्रिमंडल में वर्ष के मंत्री का भी पद सूर्य को ही प्राप्त हुआ है।चैत्र नवरात्रि और हिन्दू नववर्ष के आरंभ के समय मीन राशि में 6 ग्रहों का योग बन रहा है। सूर्य, चंद्रमा, बुध, शुक्र, शनि और राहु सभी 6 ग्रह एक साथ मीन राशि में गोचर करेंगे। दैनिक योगों में ऐंद्र योग रात्रि 7:40 तक रहेगा। सर्वार्थ सिद्धि योग प्रातः 6:14 के बाद से आरंभ होगा। यह योग दिन में 2:14 तक रहेगा। इन योगों में ही हिन्दू नववर्ष 2082 का आरंभ और नवरात्रि का कलश स्थापन होगा। इस कारण कलश स्थापन सूर्योदय से दिन में 2:14 बजे तक ही है। चैत्र शुक्ल प्रतिपदा से नवरात्रि का आरंभ होता है। घर-घर कलश स्थापन, चंडी पाठ व उपासक लोग व्रत और उपवास करते हैं। पूजा पंडालों में सप्तमी तिथि को मां दुर्गा की स्थापना की जाती है।

कलश स्थापना का शुभ मुहूर्त

नवरात्रि के पहले दिन घट स्थापना या कलश स्थापना की जाती है। 30 मार्च रविवार को कलश स्थापना प्रात: काल से मध्याह्न 2.25 तक। अभिजीत मुहूर्त (मध्याह्न) 11 बजकर 24 मिनट बजे से 12 बजकर 36 मिनट तक। श्रद्धालुओं को शुभ मुहूर्त में ही कलश स्थापना करनी चाहिए। यह शुभ फलदायक होगा।

किस दिन होगी किस देवी की पूजा

प्रथम नवरात्र 30 मार्च रविवार : घट स्थापना व मां शैलपुत्री पूजा

द्वितिया नवरात्र 31 मार्च सोमवार: मां चंद्रघंटा की पूजा

तृतीय नवरात्र 1 अप्रैल मंगलवार: मां कुष्मांडा की पूजा

चतुर्थी व पंचमी नवरात्र 2 अप्रैल बुधवार: मां स्कंदमाता की पूजा

षष्ठी नवरात्र 3 अप्रैल गुरुवार: मां कात्यायनी की पूजा

सप्तमी नवरात्र 4 अप्रैल शुक्रवार: मां कालरात्रि की पूजा

अष्टमी नवरात्र 5 अप्रैल शनिवार: मां महागौरी की पूजा

नवमी नवरात्र 6 अप्रैल रविवार : मां सिद्धिदात्री की पूजा

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