दुनिया भर में किशोर ऑनलाइन जुए के शिकार, आत्महत्या और घरेलू हिंसा बढ़ने का खतरा
डिजिटल क्रांति के साथ ही आनलाइन कसीनो और खेलों में सट्टेबाजी का भी बड़ा बाजार बन चुका है। अनुमानित रूप से दुनिया में आठ करोड़ लोग जुए की दुष्रप्रवृत्ति या डिसआर्डर से ग्रस्त हैं, जिनमें सर्वाधिक संख्या किशोरो की हैं।
शोधकर्ता इसके असर को कम करने के लिए मजबूत वैश्विक नियामक नियंत्रण का आह्वान करते हैं। द लैंसेट पब्लिक हेल्थ कमीशन में शुक्रवार को प्रकाशित शोध के अनुसार आनलाइन जुआ विज्ञापनों का गेम की तरह डिजाइन और आसानी से पैसे कमाने का लालाच इनकी तरफ आकर्षित होने की मुख्य वजह है।
शोधकर्ताओं को पता चला कि दुनियाभर में लगभग 44.87 करोड़ वयस्क जोखिम वाले जुए का शिकार हो चुके हैं, जिनमें व्यवहार से जुड़ा लक्षण या जुए के हानिकारक व्यक्तिगत, सामाजिक या स्वास्थ्य परिणाम का सामना करना शामिल है। इनमें से, अनुमानित आठ करोड़ वयस्क जुआ दुष्प्रवत्ति या समस्याग्रस्त जुए का सामना करते हैं।
काफी आसान हो गया है ऑनलाइन जूआ
ग्लासगो विश्वविद्यालय के प्रो. हीदर वार्डल कहते हैं कि मोबाइल फोन वाला कोई भी व्यक्ति 24 घंटे में कभी भी ऑनलाइन कसीनो में खेल सकता है। बड़ी कंपनियां कई ऐसी प्रौद्योगिकी का इस्तेमाल कर रही हैं जिससे ज्यादातर लोगों को जल्दी-जल्दी इससे जोड़ा जाए और इससे सेहत को बड़े खतरे पैदा हुए हैं। वार्डले ने कहा कि बड़ी प्रौद्योगिकी कंपनियां अधिक लोगों को अधिक बार संलग्न करने के लिए विभिन्न प्रकार की तकनीकों का उपयोग कर रही हैं जो महत्वपूर्ण स्वास्थ्य जोखिम पैदा कर सकती हैं”
वित्तीय बर्बादी के जोखिम से जुड़ा हुआ माना
जबर्दस्त मार्केटिंग और तकनीकी से लोग आसानी से जुए की शुरुआत कर लेते हैं, लेकिन इसे छोड़ना या रोकना मुश्किल हो जाता है। व्यावसायिक जुए को वित्तीय घाटे और वित्तीय बर्बादी के जोखिम से जुड़ा हुआ माना जाता है। यह शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य परेशानियों, रिश्तों-परिवार के टूटने, आत्महत्या और घरेलू हिंसा, संपत्ति और लोगों के खिलाफ बढ़ते अपराध आदि से भी जुड़ा हुआ है।
शोध में कहा गया है कि आने वाले समय में प्रौद्योगिकी जुए को शुरू करना आसान और बंद करना कठिन हो जाएगा। अगर हम देरी करते हैं, तो जुए और जुए से होने वाले नुकसान एक वैश्विक घटना के रूप में और भी अधिक व्यापक हो जाएंगे और इससे निपटना बहुत कठिन हो जाएगा।
अब नई नीति का लाने का समय
यूनिवर्सिटास इंडोनेशिया की आयुक्त डॉ. ने नीति निर्माताओं से “बच्चों को जुए के नुकसान से बचाने के लिए कार्रवाई करने” का आह्वान किया। उन्होंने कहा कि जुए के शुरुआती संपर्क में आने से जीवन में बाद में जुआ संबंधी विकार विकसित होने का खतरा स्पष्ट रूप से बढ़ जाता है। आयोग ने नीति निर्माताओं से जुए को शराब और तंबाकू की तरह ही एक सार्वजनिक स्वास्थ्य मुद्दा मानने और अगली पीढ़ी को जुए से होने वाले नुकसान से बचाने के लिए नीति लाने का आग्रह किया।