ग्वालियर में वाइल्डलाइफ तस्कर गिरफ्तार: कछुआ तस्करी रैकेट का पर्दाफाश
ग्वालियर। मध्य प्रदेश के ग्वालियर जिले में लंबे समय से फरार चल रहे वाइल्डलाइफ तस्कर अजय कोरकू को सीबीआई की टीम ने गिरफ्तार कर लिया है। आरोपी को ग्वालियर के पड़ाव थाना क्षेत्र के पास बस स्टैंड से हिरासत में लिया गया। आरोपी अजय कोरकू कछुआ तस्करी के एक मामले में वांछित था और पुलिस उसकी काफी समय से तलाश कर रही थी।
सीबीआई की त्वरित कार्रवाई
सीबीआई की टीम ने मुखबिर से मिली सूचना के आधार पर कार्रवाई की। मुखबिर ने जानकारी दी थी कि अजय कोरकू बस स्टैंड पर मौजूद रहेगा। इस जानकारी को पुख्ता मानते हुए सीबीआई टीम ने बस स्टैंड पर निगरानी शुरू कर दी। जैसे ही अजय कोरकू बस से उतरा, सीबीआई की टीम ने उसे घेरकर गिरफ्तार कर लिया।
गिरफ्तारी के तुरंत बाद आरोपी को सुरक्षा कारणों से पड़ाव थाने ले जाया गया। यहां सीबीआई अधिकारियों ने उसकी प्रारंभिक पूछताछ की। इसके बाद उसे न्यायालय में पेश किया गया, जहां से ट्रांजिट रिमांड प्राप्त कर आरोपी को आगे की जांच के लिए हिरासत में लिया गया।
अंतरराज्यीय तस्करी रैकेट का संदेह
सीबीआई अधिकारियों के अनुसार, अजय कोरकू की गिरफ्तारी से एक बडे़ अंतरराज्यीय तस्करी गिरोह का खुलासा हो सकता है। शुरुआती जांच में यह संकेत मिले हैं कि आरोपी अकेले नहीं, बल्कि एक संगठित रैकेट का हिस्सा था।
सीबीआई के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया, “हम आरोपी से पूछताछ कर यह पता लगाने का प्रयास कर रहे हैं कि इस रैकेट में और कौन-कौन लोग शामिल हैं। हमें संदेह है कि यह गिरोह न केवल मध्य प्रदेश, बल्कि देश के अन्य हिस्सों में भी सक्रिय है।”
आरोपी की तलाश में पुलिस की लंबी कोशिशें
अजय कोरकू कछुआ तस्करी के एक मामले में काफी समय से फरार था। पुलिस और सीबीआई ने उसे पकड़ने के लिए कई जिलों में दबिश दी थी, लेकिन हर बार वह फरार होने में सफल रहा। सीबीआई की टीम लगातार उसकी गतिविधियों पर नजर रख रही थी।
कछुआ तस्करी का पर्यावरण पर प्रभाव
कछुआ तस्करी एक गंभीर अपराध है, जो पर्यावरण और जैव विविधता को गंभीर नुकसान पहुंचाता है। कछुए जल स्रोतों को स्वच्छ रखने में अहम भूमिका निभाते हैं और उनका अवैध शिकार प्राकृतिक संतुलन को बिगाड़ता है।
अधिकारियों का बयान
गिरफ्तारी के बाद मीडिया से बात करते हुए अधिकारियों ने कहा, “सीबीआई टीम ने आरोपी को कोर्ट में पेश कर रिमांड हासिल कर लिया है। उससे पूछताछ कर यह पता लगाया जाएगा कि इस गिरोह में कौन-कौन शामिल हैं और तस्करी का नेटवर्क कितना बड़ा है।”