हरियाणा के हिसार में ईंट भट्ठे पर बड़ा हादसा: दीवार गिरने से चार बच्चों की मौत, तीन घायल
हरियाणा के हिसार जिले के नारनौंद इलाके के बुढ़ाना गांव में रविवार की रात एक दिल दहलाने वाला हादसा हुआ। गांव के एक ईंट भट्ठे पर मजदूरों के परिवार सो रहे थे, जब अचानक भट्ठे की चिमनी से जुड़ी दीवार ढह गई। इस हादसे में सात बच्चे मलबे में दब गए, जिनमें से चार की मौत हो गई और तीन गंभीर रूप से घायल हो गए। मृतकों की उम्र महज तीन महीने से लेकर नौ साल तक थी।
घटना का विवरण
यह हादसा आधी रात को हुआ, जब अधिकांश मजदूर और उनके बच्चे सो रहे थे। स्थानीय लोगों और प्रशासन के मुताबिक, दीवार काफी पुरानी और कमजोर थी। अचानक ढहने से आसपास सो रहे बच्चे इसकी चपेट में आ गए। मृतकों में तीन महीने की निशा, नौ साल का सूरज, नौ साल का विवेक और पांच साल की नंदिनी शामिल हैं। हादसे के दौरान तीन बच्चों को मौके से गंभीर हालत में निकाला गया और उन्हें हिसार के सिविल अस्पताल में भर्ती कराया गया।
मौत के आंकड़े और घायलों की स्थिति
हादसे के तुरंत बाद राहत और बचाव कार्य शुरू किया गया। स्थानीय प्रशासन और दमकल विभाग की टीमें घटनास्थल पर पहुंचीं। हालांकि, मलबे से निकाले गए तीन बच्चों में से तीन महीने की निशा ने अस्पताल ले जाते समय दम तोड़ दिया। अन्य घायलों की स्थिति भी गंभीर बनी हुई है और उनका इलाज हिसार के सिविल अस्पताल में चल रहा है।
मजदूरों का दर्द और प्रशासन की प्रतिक्रिया
ईंट भट्ठे पर काम करने वाले मजदूर बेहद गरीब परिवारों से आते हैं, जो जीवन यापन के लिए कड़ी मेहनत करते हैं। इस हादसे ने उनके परिवारों को गहरे सदमे में डाल दिया है। पीड़ित परिवारों ने प्रशासन से मुआवजे और सहायता की मांग की है।
हिसार जिला प्रशासन ने इस हादसे पर दुख जताया है और मामले की जांच के आदेश दिए हैं। प्रारंभिक जांच में यह सामने आया है कि भट्ठे की दीवार कमजोर थी और समय पर इसकी मरम्मत नहीं की गई थी। अधिकारियों ने बताया कि पीड़ित परिवारों को हर संभव सहायता प्रदान की जाएगी।
स्थानीय लोगों का गुस्सा
इस हादसे के बाद बुढ़ाना गांव के लोग भट्ठा मालिकों और प्रशासन के प्रति आक्रोशित हैं। ग्रामीणों का आरोप है कि भट्ठे की दीवार कई महीनों से जर्जर स्थिति में थी, लेकिन मालिकों ने इसे दुरुस्त कराने के लिए कोई कदम नहीं उठाया। ग्रामीणों ने प्रशासन से भट्ठा मालिकों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की मांग की है।
मृतकों के परिवारों में शोक की लहर
इस हादसे ने मृतकों के परिवारों को गहरे शोक में डाल दिया है। बच्चों की मासूमियत और उनकी असमय मौत ने पूरे गांव को झकझोर कर रख दिया है। परिवारों का कहना है कि उन्होंने अपने बच्चों को सुरक्षित माहौल में सोने के लिए भट्ठे के अंदर रखा था, लेकिन उन्हें इस तरह की त्रासदी का सामना करना पड़ेगा, इसका उन्होंने कभी कल्पना भी नहीं की थी।
मुआवजे की घोषणा
हरियाणा सरकार ने इस हादसे पर गहरा दुख व्यक्त करते हुए मृतकों के परिजनों को मुआवजे के तौर पर पांच लाख रुपये और घायलों के इलाज का पूरा खर्च वहन करने की घोषणा की है। इसके साथ ही भट्ठे की स्थिति और अन्य सुरक्षा मानकों की जांच के लिए एक विशेष समिति गठित की गई है।
हादसे से सबक
यह घटना एक बार फिर से मजदूरों की सुरक्षा और उनके कामकाजी माहौल की अनदेखी पर सवाल खड़े करती है। भट्ठों और अन्य निर्माण स्थलों पर सुरक्षा मानकों को लागू करना और उनकी नियमित निगरानी करना नितांत आवश्यक है, ताकि इस तरह के हादसों को टाला जा सके।