जया बच्चन को मिला सोनिया गांधी का साथ, सांसद बोलीं – सभापति उन्हें डांटने वाले कौन होते हैं…

राज्यसभा सांसद जया बच्चन का कहना है कि सभापति उन्हें डांटने वाले कौन होते हैं? सदन से बाहर आने के बाद जया बच्चन ने कहा कि वह हमारे अन्नदाता तो हैं नहीं। और, कितना सहन करें।

राज्यसभा सांसद जया बच्चन का कहना है कि सभापति उन्हें डांटने वाले कौन होते हैं? सदन से बाहर आने के बाद जया बच्चन ने कहा कि वह हमारे अन्नदाता तो हैं नहीं। और, कितना सहन करें। विपक्ष की महिला सांसद इस मुद्दे पर एक साथ आ गई हैं। यहां तक कि कांग्रेस संसदीय दल की चेयरपर्सन सोनिया गांधी भी जया बच्चन के साथ खड़ी दिखाई दी।

जया बच्चन को इस मुद्दे पर विपक्ष की लगभग सभी महिला सांसदों का साथ मिला। तृणमूल कांग्रेस की संसद डोला सेन का कहना है कि जया बच्चन यहां किसी सेलिब्रिटी के तौर पर नहीं हैं, बल्कि वे यहां एक सांसद के तौर पर हैं। जया बच्चन ने कहा कि मैं माफी मांगने की मांग करती हूं। हम सब साथ हैं। हम अलग से कोई निर्णय नहीं लेंगे।

जया बच्चन ने कहा कि हम कोई स्कूल में पढ़ने वाले बच्चे नहीं हैं। सभापति के लिए उन्होंने कहा कि मैं उनके बोलने के लहजे से दुखी हूं। जया बच्चन का कहना था कि खासतौर पर नेता प्रतिपक्ष को बोलने की इजाजत दी जानी चाहिए। जया बच्चन ने कहा कि उन्होंने सभापति की टोन को लेकर आपत्ति जताई है। हममें से कई वरिष्ठ नागरिक हैं। ऐसे में हम उनके बोलने के लहजे से परेशान हैं। खासतौर पर विपक्ष के नेता बोलने के लिए खड़े हुए तो उनका माइक बंद कर दिया गया।

जया बच्चन ने कहा कि नेता प्रतिपक्ष हमारे लीडर हैं और अब आगे जैसा भी कहेंगे हम उसी हिसाब से काम करेंगे। जया बच्चन ने कहा कि असंसदीय शब्दों का प्रयोग किया जाता है। उपद्रवी, ‘बुद्धिहीन’ जैसे शब्द कहे जाते हैं। मुझे कहा गया कहा कि ‘आप सेलिब्रिटी हो इससे, मुझे कोई फर्क नहीं पड़ता।’ मेरा कहना है कि मैं संसद सदस्य हूं और यह मेरा पांचवां कार्यकाल है। संसद में जिस तरह से बातें की जा रही हैं, वैसे पहले कभी नहीं बोलीं गई।

गौरतलब है कि राज्यसभा में शुक्रवार को जया बच्चन और सभापति जगदीप धनखड़ के बीच तीखा संवाद हुआ। जगदीप धनखड़ ने जया बच्चन के प्रति नाराजगी जाहिर करते हुए कहा कि राज्यसभा की एक वरिष्ठ सदस्य होने के नाते क्या आपके पास चेयर का निरादर करने का लाइसेंस है। इससे पहले जया बच्चन ने सभापति जगदीप धनखड़ की टोन (बोलने के तरीके) पर अपना विरोध जताया था।

इस पर नाराजगी व्यक्त करते हुए सभापति ने कहा कि मेरी टोन, मेरी भाषा मेरे टैंपर पर बात की जा रही है। लेकिन, मैं किसी और की स्क्रिप्ट के आधार पर नहीं चलता हूं। मेरे पास अपनी खुद की स्क्रिप्ट है।

वहीं, बोलने नहीं दिए जाने से नाराज विपक्ष ने इस बीच सदन का बहिष्कार किया और राज्यसभा से उठकर बाहर चले गए थे।

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