T20 World cup: बांग्लादेश टी20 वर्ल्ड कप की मेजबानी के लिए UN की शरण लेगा, भारत समेत इन देशों ने लगाए यात्रा प्रतिबंध
नई दिल्ली। बांग्लादेश में राजनीतिक अस्थिरता का असर इस साल देश में होने वाले महिला टी20 वर्ल्ड कप की मेजबानी पर पड़ सकता है। इसी वजह से बांग्लादेश की अंतरिम सरकार इस टूर्नामेंट की मेजबानी बरकरार रखने के लिए यूनाइडेट नेशंस की शरण में जाने की तैयारी कर रही। बांग्लादेश के मौजूदा हालात को देखते हुए भारत, न्यूजीलैंड, इंग्लैंड और ऑस्ट्रेलिया जैसे देशों ने अपने नागरिकों के बांग्लादेश की यात्रा करने पर प्रतिबंध लगा दिया है।
इन देशों की सरकारों ने अपने नागरिकों को बांग्लादेश की यात्रा से बचने की सलाह दी है, जिससे 3 अक्टूबर से शुरू होने वाले विश्व कप पर बड़ा सवालिया निशान लग गया है। बांग्लादेश की अंतरिम सरकार के युवा और खेल सलाहकार आसिफ महमूद ने खुलासा किया है कि वे इस मुद्दे को सुलझाने की उम्मीद में संयुक्त राष्ट्र से बात करेंगे।
महिला टी20 विश्व कप की मेजबानी पर संकट
ईएसपीएनक्रिकइंफो ने आसिफ के हवाले से कहा, “कुछ देशों के लिए यात्रा प्रतिबंध हैं और इसलिए हम संयुक्त राष्ट्र से बात करेंगे। सुरक्षा और बुनियादी ढांचे से जुड़े कुछ मुद्दे हैं और हम इस संबंध में प्रोफेसर यूनुस (बांग्लादेश की अंतरिम सरकार के मुख्य सलाहकार) से बात करेंगे। वह एक खेल प्रेमी हैं और उम्मीद है कि वह इस मामले को सुलझा लेंगे।”
आईसीसी की भी बांग्लादेश के हालात पर नजर
अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेट परिषद (ICC) भी बांग्लादेश की स्थिति पर नज़र रख रही है और उसने वैश्विक टूर्नामेंट को किसी दूसरे देश में स्थानांतरित करने की संभावना सहित सभी विकल्प खुले रखे हैं। इस पैमाने और कद के टूर्नामेंट के आयोजन में एक और बाधा बांग्लादेश क्रिकेट बोर्ड (BCB) में चल रहा संकट है। इस महीने की शुरुआत में अवामी लीग सरकार के पतन के बाद से, BCB के अध्यक्ष नजमुल हसन लापता हैं।
बीसीसी अध्यक्ष हैं लंबे समय से गायब
अंतरिम सरकार के युवा और खेल सलाहकार आसिफ ने कहा, “बीसीबी अध्यक्ष गायब हैं। बेशक, किसी महासंघ के कामकाज के लिए उसके सभी अंगों का काम करना ज़रूरी है। अध्यक्ष के पास एक महत्वपूर्ण ज़िम्मेदारी होती है और वह अनुपस्थित हैं। बीसीबी एक स्वायत्त महासंघ है और हम उन्हें कोई फ़ैसला लेने का अधिकार नहीं दे सकते।”
उन्होंने आगे कहा, “हमने बीसीबी के निदेशकों को सुझाव दिया है कि वे आईसीसी के कानूनी ढांचे के भीतर इस मुद्दे को हल करने के तरीके पर विचार करें। वे हमें बाद में रिपोर्ट देंगे कि अंतरिम अवधि के लिए किसी को नियुक्त किया जाए या नहीं। हम इस संबंध में प्रक्रिया जारी रखेंगे। हम आवश्यक बदलाव करना चाहते हैं, लेकिन साथ ही हमें एक प्रक्रिया का पालन करने की आवश्यकता है। हम व्यक्ति को बदलना नहीं चाहते हैं, बल्कि हम सिस्टम को बदलना चाहते हैं।”