भोपाल । मध्य प्रदेश में मतदान की प्रक्रिया पूरी हो चुकी है, ईवीएम को कंट्रोल रूम में रखा जा चुका है। अब इंतजार 3 दिसंबर का है, जब प्रदेश में नई सरकार का चेहरा स्पष्ट हो जाएगा। बता दे कि इस चुनाव में प्रदेश में 76.22 प्रतिशत वोटिंग हुई है, जो कि पिछले सभी चुनावों के मुकाबले सर्वाधिक है। ऐसे में बढ़े मत प्रतिशत ने राजनीतिक दलों की धड़कन भी बढ़ा दी है। इलेक्शन काउंटिंग को लेकर इसकी प्रक्रिया से जुड़े नियम भी बनाए गए हैं। पूरी काउंटिंग एक प्रक्रिया से होकर गुजरती है। जिसका प्रशासन कड़ाई से पालन करवाता है।
ऐसी रहती है काउंटिंग प्रक्रिया
सामान्य तौर पर मतगणना 8 बजे से शुरू होती है, लेकिन इसकी प्रक्रिया करीब तीन घंटे पूर्व ही शुरू हो जाती है। पिछले चुनाव की मतगणना पर गौर करें तो 5 से 6 बजे के बीच मतगणना में लगे कर्मचारियों का रेंडमाइजेशन किया जाता है। जिसके बाद उन्हें बताया जाता है कि उन्हें कौन सी टेबल पर ड्यूटी करना है।
स्ट्रांग रूम खोलने की प्रक्रिया
इसके बाद करीब साढ़े सात बजे स्ट्रांग रूम खोलने की प्रक्रिया की जाती है। कलेक्टर समेत अन्य अधिकारियों और राजनीतिक दलों के एजेंट की मौजूदगी में यह प्रक्रिया पूरी होती है।
डाक मतपत्रों की गिनती
पिछले चुनाव को देखें तो सुबह 8 बजे मतगणना की प्रक्रिया शुरू हो जाती है और सबसे पहले डाक मतपत्रों की गिनती की जाती है।
ईवीएम से काउंटिंग
डाक मतपत्रों की गिनती पूरी होने के बाद ईवीएम की सील सभी को दिखाने के बाद खोली जाती है और अलग-अलग राउंड में ईवीएम से मतों की गिनती की जाती है।
वोटिंग की जानकारी दी जाती है
ईवीएम मशीन से काउंटिंग पूरी होने के बाद रिटर्निंग आफिसर और आब्जर्वर एक राउंड में किस प्रत्याशी को कितने वोट मिले इसकी कॉपी जारी करते हैं। इसके बाद नई ईवीएम टेबल पर लाई जाती है।
वीवीपैट से मिलान
सभी राउंड की काउंटिंग पूरी हो जाने के बाद प्रत्येक विधानसभा क्षेत्र के सभी मतदान केंद्रों में से एक का नंबर लॉटरी सिस्टम के जरिए निकाला जाता है और उस नंबर की वीवीपैट को लेकर इसकी मत पर्चियों की गिनती की जाती है और इसे ईवीएम से चेक किया जाता है।
रिजल्ट जारी
यह सभी प्रक्रिया पूरी हो जाने के बाद रिजल्ट जारी कर विजयी प्रत्याशी को सर्टिफिकेट दिया जाता है।