मृतक छात्रों के परिवार को Rau IAS देगा 50-50 लाख रुपये, लेकिन रखी ये शर्त

दिल्ली के ओल्ड राजेंद्र नगर में शनिवार को RAU IAS कोचिंग सेंटर की बेसमेंट लाइब्रेरी में पानी भरने से तीन छात्रों की मौत हो गई थी। इस हादसे के बाद से दिल्ली में MCD की कार्रवाई लगातार जारी है। MCD अनियमितता बरतने वाले कोचिंग सेंटर्स को सील करने की कार्रवाई कर रहा है। इसी कड़ी में गुरुवार को दिल्ली के वेस्ट जोन में 23 कोचिंग सेंटर्स, सेंट्रल जोन में 11 लाइब्रेरी एंड आकाश कोचिंग इंस्टीट्यूट, नजफगढ़ जोन में 3 और साउथ जोन में 2 कोचिंग सेंटर के खिलाफ कार्रवाई की गई। राजधानी दिल्ली के ओल्ड राजेंद्र नगर में हुए कोचिंग हादसे के बाद MCD जगा है। MCD ने अधिकारियों को दिशा निर्देश जारी किए हैं। इसके मुताबिक दिल्ली के सभी कमर्शियल बिल्डिंग्स में बने बेसमेंट की जांच होगी। खासतौर से उन बिल्डिंग्स की, जिनमें कोचिंग सेंटर्स चल रहे होंगे। इनमे अनियमिता बरतने वाले बेसमेंट मालिकों पर कार्रवाई भी की जाएगी। इसके साथ-साथ नालियों और फुटपाथ पर हुए अवैध अतिक्रमण को तोड़ा जाएगा, ताकि नालियां पूरी तरीके से साफ हो सकें।

मामला अदालत तक पहुंचा

तीन छात्रों की मौत के बाद हजारों की संख्या में छात्र सड़कों पर आ गए। विकास दिव्यकीर्ति, अवध ओझा, खान सर जैसे शिक्षकों के खिलाफ छात्रों ने जमकर गुस्सा निकाला। इसके बाद मामला अदालत तक पहुंचा। दिल्ली पुलिस ने RAU IAS कोचिंग सेंटर के CEO और मालिक अभिषेक गुप्ता और उसके को-ऑर्डिनेटर देशपाल सिंह को गिरफ्तार कर लिए। गिरफ्तारी के तुरंत बाद दोनों को मजिस्ट्रेट कोर्ट में पेश किया गया और उन्हें दो हफ्ते की न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया है।

RAU IAS ने रखा प्रस्ताव

अब इस मामले में RAU IAS के वकील मोहित सराफ का बयान सामने आया है। उन्होंने पत्रकारों से बात करते हुए कहा, “संस्थान ने मृतकों के परिवार को दो किस्तों में 50-50 लाख रुपये का मुआवजा देने का प्रस्ताव रखा है। 25 लाख रुपये तुरंत और 25 लाख रुपये तब दिए जाएंगे, जब संस्थान के सीईओ अभिषेक बाहर आएंगे। हम बाकी 25 लाख रुपये का भुगतान करने के लिए पैसे का बंदोबस्त कर पाएंगे। अगले हिस्से का भुगतान छह महीने के भीतर कर दिया जाएगा… अलग-अलग लोगों की अलग-अलग अपेक्षाएं होती हैं, मैं एक संदेशवाहक हूं।”

मेयर क्या बोली

मेयर शैली ओबेरॉय ने बताया कि इस संबंध में छात्रों का एक प्रतिनिधिमंडल 28 जुलाई को MCD कमिश्नर से मिला और इस मुद्दे पर अपनी चिंता व्यक्त की थी। कमिश्नर द्वारा उन्हें समझाया गया कि एमसीडी भविष्य में इस तरह की दुर्घटना को रोकने के लिए तत्काल सभी आवश्यक कदम उठाएगी। उसके बाद कई दिशा निर्देश जारी किए गए हैं। इनके मुताबिक बेसमेंट वाली बिल्डिंग का सर्वे कराकर तत्काल कार्रवाई की जाए। जो लोग इसका दुरुपयोग करते पाए जाएं, उनके खिलाफ सीलिंग की कार्रवाई की जाए।

बेसमेंट के लिए अलग-अलग प्रवेश और निकास द्वार होने चाहिए। सभी भवन योजनाएं सार्वजनिक डोमेन में उपलब्ध कराई जाएंगी, ताकि उल्लंघनकर्ताओं का पता लगाया जा सके। इसके अलावा नालियों और फुटपाथों के ऊपर से सभी अतिक्रमण हटाए जाएंगे। बरसाती पानी की नालियों से पूरी तरह से गाद निकाला जाएगा और किसी भी जगह पर ज्यादा जाम होने पर उसे सुपर-सकर मशीनों की मदद से साफ़ किया जाएगा।
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