राज्यसभा में आज केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने किसानों पर किए गए अत्याचारों को लेकर कांग्रेस पर जमकर निशाना साधा। आंकड़े बताते हुए शिवराज ने कहा कि जब यही कांग्रेस अलग-अलग राज्यों में सत्ता में थी तो किसान मारे गए। 1986 में जब बिहार में कांग्रेस की सरकार थी, तब गोलीबारी में 23 लोग मारे गये थे। 1988 में इंदिरा गांधी की पुण्य तिथि पर दिल्ली में 2 किसानों की हत्या कर दी गई थी। उन्होंने कहा कि 1988 में उन्होंने मेरठ में किसानों पर फायरिंग की और 5 किसान मारे गये।
शिवराज सिंह चौहान यहीं नहीं रुके। उन्होंने आगे कहा कि 23 अगस्त 1995 हरियाणा में इनकी सरकार ने गोली चलाई और छह किसान मारे गए। इसी तरह 19 जनवरी 1998 को मुलताई, एमपी में किसानों पर गोली चली कांग्रेस की सरकार थी, 24 किसान मारे गए। उन्होंने साफ तौर पर तंज भरे लहजे में कहा कि मैने किसी को छेड़ा नहीं, लेकिन जो छेड़ेगा उसे छोड़ेंगे भी नहीं। उन्होंने आगे कहा कि हम किसान सम्मान निधि पर चर्चा कर रहे थे। कांग्रेस ने किसानों को सीधी मदद की बात तो की लेकिन प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि जैसी योजना कांग्रेस ने कभी नहीं बनाई। ये योजना हमारे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बनाई।
अपना हमला जारी रखते हुए कहा कि वे (विपक्ष) नहीं समझेंगे लेकिन छोटे किसानों के लिए 6000 रुपये की राशि मायने रखती है। उन्होंने कहा कि इस किसान सम्मान निधि के कारण किसान आत्मनिर्भर हुए हैं, किसान सशक्त भी हुए हैं और किसानों का सम्मान भी बढ़ा है। वे (विपक्ष) किसानों का सम्मान नहीं देख सकते। उन्होंने कहा कि मैंने देश के सभी प्रधानमंत्रियों के भाषण पढ़े, पर कांग्रेस के प्रधानमंत्रियों की प्राथमिकता में कभी किसान नहीं रहा। जो दिल में होता है, वही जुबान पर आता है। कांग्रेस के दिल में किसान नहीं है। उन्होंने जोर देते हुए कहा कि मैंने कहा था कि मुझे छेड़ो मत, मुझे छेड़ोगे तो छोडूंगा नहीं।