सही समय पर किए गए कार्य, निश्चित रूप से उचित परिणाम देते हैं इसमें कोई संदेह नहीं है, इसलिए किसी भी पूजा पाठ, नए कार्य के आरंभ से पहले मुहूर्त जरूर विचार कर लेना चाहिए. भाई-बहन के अटूट प्रेम पर्व रक्षाबंधन के आने में महज कुछ ही दिन शेष रह गए है. ऐसे में तारीख और समय अभी से नोट कर ले जिससे बहन अपने भाई को सही समय पर राखी बांध सके. रक्षाबंधन के दिन रक्षा सूत्र बांधने से पहले मुहूर्त, खासकर भद्रा का विचार अवश्य कर लेना चाहिए.
शास्त्रों के अनुसार भद्रा अलग और विध्वंस करने का तत्व हैं, इसलिए भद्रा काल में राखी बांधना या अन्य कोई मंगल कार्य करना निषेध माना गया है. रक्षाबंधन का त्यौहार सावन मास की पूर्णिमा को मनाया जाता है, इस बार यह 19 अगस्त को है. वैसे तो शास्त्रों में कहा गया है “अपराह्णव्यापिनी स्याद्रक्षाबन्धनकर्मणि” यानी कि रक्षाबंधन का त्योहार अपराह्न व्यापिनी पूर्णिमा तथा भद्रा के बाद ही मनाना चाहिए. लेकिन बहुत से ऐसे लोग भी है जो शुभ मुहूर्त में विश्वास नहीं रखते हैं, बल्कि अपनी सुविधा अनुसार ही त्योहार मनाते हैं लेकिन वास्तव में ऐसा करना ठीक नहीं होता है.
कब तक रहेगा भद्रा का साया
धर्मशास्त्रों पूर्णिमा के दिन यदि भद्रा काल हो तो उसका समय खत्म होने के बाद ही बहनों को अपने भाई की कलाई में रक्षा सूत्र बांधना चाहिए. 19 अगस्त को पूर्णिमा होने के साथ भद्रा भी रहेगी, जोकि दोपहर 1ः31 बजे तक रहेगी. राखी बांधना भी एक शुभ कार्य है इसलिए इस कार्य को शुभ मुहूर्त के हिसाब से ही करना चाहिए. दोपहर 1ः31 के बाद बहनें राखी बांध सकती हैं.