6 मौके जब भारत को पेरिस ओलंपिक में मिली गहरी निराशा,यहां पढ़े

पेरिस । पेरिस ओलंपिक 2024 में अब तक भारत को मिली-जुली सफलता मिली है। भारत के लिए मनु भाकर जैसी शूटर ने एक ही ओलंपिक में दो मेडल लाकर अप्रत्याशित सफलता दर्ज की, तो कई ऐसे मौके रहे जब मेडल देश की झोली में आता-आता रह गया।

ताजा मामला विनेश फोगाट का है, जिन्होंने महिला 50 किग्रा भार वर्ग रेसलिंग के फाइनल में जगह बनाकर भारत के लिए कम से कम सिल्वर मेडल पक्का कर लिया था। विनेश फोगाट ने मंगलवार को लगातार तीन बाउट जीतने के बाद फाइनल में पहुंचकर इतिहास रचा था। वह ओलंपिक के फाइनल में पहुंचने वाली पहली भारतीय महिला रेसलर थीं। लेकिन, फाइनल से ठीक पहले विनेश अपने भार वर्ग से अधिक वजन होने के चलते इस मैच के लिए अयोग्य घोषित की गईं, और भारत के हाथ से सिल्वर मेडल भी फिसल गया।

इससे पहले पेरिस ओलंपिक में तीरंदाजी में भारत की मिक्स्ड जोड़ी अंकिता भगत और धीरज बोम्मदेवड़ा का कांस्य पदक जीतने का सपना टूट गया था। यह पहली बार था, जब भारतीय जोड़ी ओलंपिक तीरंदाजी के सेमीफाइनल में पहुंची थी। अमेरिका की जोड़ी केसी कौफहोल्ड और ब्रैडी एलिसन ने कांस्य पदक मुकाबले में भारत को 6-2 से हरा दिया। भारत ने आर्चरी में अब तक कोई ओलंपिक मेडल नहीं जीता है। अंकिता भगत और धीरज बोम्मदेवड़ा बहुत करीब आकर मेडल लाने से चूक गए।

इस ओलंपिक में भारत ने निशानेबाजी में तीन मेडल हासिल किए हैं, लेकिन कुछ निराशा भी हाथ लगी है। शूटिंग के स्कीट मिक्स्ड टीम इवेंट में अनंत जीत नरूका और महेश्वरी चौहान की जोड़ी को कांस्य पदक मैच में चीन के खिलाफ हार का सामना करना पड़ा। यह काफी रोमांचक मैच था, जिसमें भारत को 44-43 से हार मिली। अगर यह जोड़ी जीत जाती तो इस इवेंट में यह भारत के लिए पहला ओलंपिक मेडल होता। काफी करीब आकर यह मेडल हाथ से फिसल गया।

नंबर चार पर होना वाकई में काफी कठिन है। कोई भी एथलीट ओलंपिक में नंबर चार पर होना नहीं चाहता। भारत के निशानेबाज अर्जुन बबूता को पुरुष 10 मीटर एयर राइफल इवेंट में यह स्थान मिला। वह फाइनल मैच में मामूली अंतर से चूक गए। वह शुरुआती दौर में इस मैच में लगातार पदक की रेस में बने हुए थे।

भारत की शूटिंग सनसनी मनु भाकर ने पेरिस ओलंपिक में दो कांस्य जीतकर इतिहास रचा। उन्होंने 10 मीटर एयर पिस्टल और 10 मीटर एयर पिस्टल मिक्स्ड टीम इवेंट में यह मेडल मिला। इसके बाद उन्होंने 25 मीटर एयर पिस्टल के फाइनल इवेंट में भी दमदार प्रदर्शन किया। मनु फाइनल मैच में अच्छी शुरुआत के बाद शानदार वापसी करने में कामयाब रहीं और कम से कम कांस्य पदक जीतने की रेस में लगातार बनी रहीं। लेकिन अंत में उनके निशाने थोड़े खराब रहे, जिससे वह हंगरी की वेरोनिका मेजर के साथ हुए शूट ऑफ में पिछड़ गईं।

भारत के युवा बैडमिंटन स्टार लक्ष्य सेन ने पेरिस ओलंपिक में जबरदस्त प्रदर्शन करते हुए अपने शुरुआती मैच बहुत विश्वसनीय अंदाज में जीते। हालांकि, उनको कांस्य पदक मैच में मलेशिया के विश्व नंबर 7 ली ज़ी जिया के खिलाफ हार का सामना करना पड़ा। 71 मिनट तक चले इस कड़े मुकाबले में लक्ष्य 21-13, 16-21, 11-21 से हार गए। लक्ष्य ने न केवल इस मैच का पहला गेम जीता था, बल्कि दूसरे गेम में भी काफी आगे चल रहे थे। हालांकि ली ज़ी जिया द्वारा वापसी करने के बाद लक्ष्य को इस मैच में उभरने का मौका नहीं मिला। लक्ष्य मैच के अंत तक थोड़े थके हुए भी दिखाई दिए।

पेरिस ओलंपिक में अब तक भारत को यह बड़े हार्टब्रेक मिले हैं, जिनमें विनेश फोगाट का अपने इवेंट के फाइनल से बाहर होना सबसे ज्यादा दुर्भाग्यशाली रहा। इसने भारत को कम से कम एक सिल्वर मेडल से वंचित किया। विनेश की फॉर्म और आत्मविश्वास को देखते हुए यह गोल्ड मेडल भी हो सकता था।

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