जबलपुर: दो दिन बाद पूरा देश आजादी की 78वीं वर्षगांठ मना रहा है, पर मध्यप्रदेश की संस्कारधानी जबलपुर का एक गांव आज भी ऐसा है कि जो कि अपने आपको कैद में महसूस कर रहा है। इस गांव में सड़क नहीं है, अगर कोई बीमार हो जाए, तो उसे मुख्य मार्ग तक ले जाने के लिए एंबुलेंस या फिर गाड़ी से नहीं बल्कि हाथों पर लटकाकर लेकर जाना होता है। कई बार ऐसा भी हुआ कि जब ग्रामीण एक किलोमीटर तक मरीज को ले जाने में थक जाते हैं तो खाट का उपयोग किया जाता है।
मचल सिंह की हो गई मौत
दो दिन पहले बरगी विधानसभा के शहपुरा तहसील अंतर्गत ग्राम सालीवाडा के बिरहोला टोला में रहने वाले 36 वर्षीय मचल सिंह को करंट लग गया। उसे हाथों में लटका कर एक किलोमीटर का सफर तय कर मुख्य मार्ग पर लाया गया। ग्रामीणों ने 108 को सूचना दी, लेकिन एक घंटे बाद सहायता मिलने की बात कही गई। अंततः गांव के एक साहू परिवार ने पिकअप वाहन में घायल को लेकर मेडिकल कालेज पहुंचाया, लेकिन तब तक बहुत देर हो चुकी थी।
सड़क की अनुपस्थिति से बढ़ती समस्याएं
सालीवाड़ा ग्राम पंचायत के बिरहोला टोला में सड़क का अभाव लंबे समय से बना हुआ है। गर्मी, बारिश या ठंड के मौसम में खेतों के बीच से होकर गुजरना पड़ता है और बारिश के दौरान कीचड़ और नाला जैसी समस्याएं बढ़ जाती हैं। उप सरपंच राम किशोरी चौधरी ने बताया कि कई सालों से सड़क के लिए सांसद, विधायक और कलेक्टर को पत्र लिखा गया है, लेकिन सड़क की स्थिति में कोई सुधार नहीं हुआ।