श्रीनगर. जम्मू-कश्मीर में विधानसभा चुनाव का ऐलान होने के बाद से सियासी हलचल तेज हो गई है. जिसके चलते कांग्रेस और नेशनल कॉन्फे्रेस जम्मू-कश्मीर में विधानसभा चुनाव मिलकर लड़ेंगे. आज राहुल गांधी से मुलाकात के बाद नेशनल कॉन्फे्रेस के मुखिया फारूक अब्दुल्ला ने ऐलान किया.
फारुख अब्दुल्ला ने कहा कि राज्य की सभी 90 सीटों पर दोनों दल एक साथ चुनाव लड़ेंगे. सीटों को आज रात तक फाइनल कर लिया जाएगा. हमें उम्मीद है कि हम फिर से सत्ता में आएंगे. हमारे दरवाजे सभी के लिए खुले हैं. इससे पहले कांग्रेस सांसद राहुल गांधी ने श्रीनगर में पार्टी कार्यकर्ताओं से कहा कि जम्मू-कश्मीर का प्रतिनिधित्व करना है. इसे वापस राज्य का दर्जा दिलाना सबसे जरूरी है. यहां से मेरा खून का रिश्ता है ऐसे में उम्मीद है कि चुनाव में लोग हमारा साथ जरूर देंगे. राहुल ने आगे कहा कि लोकसभा चुनाव में हमने पीएम मोदी का कॉन्फिडेंस तोड़ दिया है. अब उनकी छाती 56 इंच की नहीं रही. वे कंधे झुकाकर चलते हैं. जम्मू-कश्मीर चुनाव में गठबंधन तभी होगा जब कांग्रेस के सभी कार्यकर्ताओं को इज्जत मिलेगी. हिंदुस्तान के इतिहास में पहली बार हुआ है कि किसी राज्य का दर्जा छीनकर उसे केंद्र शासित प्रदेश बनाया गया है. हमारे लिए जरूरी है कि इसे इसका पुराना दर्जा वापस मिले. इसलिए हम सब मिलकर यहां पहले आए हैं. मैं पूरे देश में लोकतंत्र की रक्षा करता हूं. लेकिन मेरा लक्ष्य है कि देश के लोगों के दिल में जो यहां के लोगों के लिए डर है मैं उसे मिटाना चाहते हैं. जो आप लोग सहते हैं. मैं खडग़े व कांग्रेस इसे मिटाना चाहते हैं. कल जब हम आइसक्रीम खाने गए. जो लोग वहां थे उन्होंने कहा कि आपको जम्मू कश्मीर के लोग अच्छे लगते हैं. मुझे इरिटेशन हुआ. मैंने कहा कि नहीं मुझे यहां के लोग अच्छे नहीं लगते. फिर मैंने कहा हर बार यहां आता हूं मुझे समझ आता है कि ये पुराना रिश्ता है, खून का रिश्ता है. आपने देखा है चुनाव में इंडिया गठबंधन ने मोदी और उनकी पार्टी को खत्म कर दिया है. हमें नफरत के बाजार में मुहब्बत की दुकान खोलनी है. नफरत की काट नफरत से नहीं हो सकती है मोहब्ब्त से हो सकती है. हम नफरत को मोहब्बत से हराएंगे. कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खडग़े ने कहा कि अगर हम जम्मू-कश्मीर चुनाव जीतेंगे तो सारा हिंदुस्तान हमारे कब्जे में आएगा. राहुल व खडग़े दो दिन के जम्मू-कश्मीर दौरे पर हैं. दोनों नेता 21 अगस्त की शाम श्रीनगर पहुंचे. दूसरे दिन दोनों नेता कार्यकर्ताओं से मिले.
काश्मीर में कांग्रेस ने मांगी है 12 सीटें-
नेशनल कॉन्फ्रेंस-कांग्रेस के बीच सीट शेयरिंग पर चर्चा हुई है. कांग्रेस अध्यक्ष तारिक हामिद कर्रा ने एनसी महासचिव अली मोहम्मद सागर के साथ मीटिंग की. इस दौरान कांग्रेस ने कश्मीर से 12 सीटों की मांग की. साथ ही जम्मू में एनसी को इतनी ही सीटें देने की पेशकश की. हालांकिए एनसी नेता घाटी से इतनी सीटें कांग्रेस के लिए छोडऩे के लिए तैयार नहीं दिखे. बाद में एनसी नेताओं ने कांग्रेस के साथ सीट बंटवारे को लेकर अब्दुल्ला से मुलाकात की और उनके साथ कांग्रेस की मांग पर चर्चा की. शाम को दोनों दिल्ली रवाना हो जाएंगे.
जम्मू-कश्मीर में है 90 विधानसभा सीटें
जम्मू-कश्मीर परिसीमन आयोग ने 5 मई 2022 को अपनी रिपोर्ट पेश की थी. रिपोर्ट के अनुसार जम्मू और कश्मीर में 90 विधानसभा सीटें व 5 लोकसभा सीटें होंगी. डिवीजन की नजर से देखें तो जम्मू डिवीजन में 6 सीटें बढ़ाकर 43 विधानसभा सीटें की गईं और कश्मीर घाटी में 1 सीट जोड़कर 47 सीटें बनाईं गईं.
2014 में हुए थे आखिरी विधानसभा चुनाव
आखिरी बार 2014 में जम्मू.कश्मीर के विधानसभा चुनाव हुए थे. तब भाजपा व पीडीपी ने गठबंधन सरकार बनाई थी. 2018 में गठबंधन टूटने के बाद सरकार गिर गई थी. इसके बाद राज्य में 6 महीने तक राज्यपाल शासन उस समय जम्मू-कश्मीर संविधान के अनुसार रहा. इसके बाद राष्ट्रपति शासन लागू हो गया. राष्ट्रपति शासन के बीच ही 2019 के लोकसभा चुनाव हुए. जिसमें भाजपा भारी बहुमत के साथ केंद्र में लौटी. इसके बाद 5 अगस्त 2019 को भाजपा सरकार ने आर्टिकल-370 खत्म करके राज्य को दो केंद्र शासित प्रदेशों जम्मू-कश्मीर और लद्दाखद्ध में बांट दिया था. इस तरह जम्मू-कश्मीर में 10 साल बाद विधानसभा चुनाव हो रहे हैं.