कान्हा जी का जन्मोत्सव आने में अब एक हफ्ता भी नहीं बचा है. भारत समेत दुनियाभर के मंदिरों में बाल सुलभ कृष्ण जी का जन्मोत्सव मनाने के लिए तैयारियां जोर-शोर से चल रही हैं. भगवान कृष्ण जी को जीवन में अपनी मुरली बहुत प्रिय थी. जब वे अपनी मस्ती में होकर मुरली बजाते थे तो पूरे गोकुल में सन्नाटा पसर जाता था. उनकी मुरली की मधुर तान सुनने के लिए केवल गोकुलवासी ही नहीं बल्कि जीव-जंतु भी खिंचे चले आते थे. ज्योतिष शास्त्रियों के मुताबिक अगर जन्माष्टमी के अवसर आप मुरली के उपाय कर लें तो जिंदगी में खुशहाली आते देर नहीं लगेगी. आइए आपको मुरली से जुड़े ऐसे ही 4 उपायों के बारे में बताते हैं.
ज्योतिष शास्त्रियों के मुताबिक भगवान श्रीकृष्ण विष्णु के आठवें अवतार हैं. उन्होंने दुष्टों का संहार करने के लिए द्वापर युग में कान्हा जी के रूप में धरती पर अवतार लिया. जब उनका जन्म हुआ तो दर्शन के लिए तमाम देवी- देवता अलग-अलग रूप धरकर पृथ्वी पर आए. उनके अवतार के बारे में जानकर भगवान शिव भी खुद को रोक नहीं पाए.
भेष बदलकर भोलेनाथ ने किए दर्शन
भोलेनाथ इस असमंजस में थे कि धरती पर जाने पर वे भगवान विष्णु को क्या उपहार देंगे. काफी मंथन करने के बाद उन्होंने महर्षि दधीचि की शक्तिशाली हड्डी को घिसकर एक बांसुरी का निर्माण किया. इसके बाद वे वेष बदलकर गोकुल पहुंचे. वहां पर उन्हें कान्हा जी के दर्शन कर उनके हाथों में मुरली रख दी. उस बांसुरी और भोलेनाथ को देखकर शिशु रूप में मौजूद भगवान कृष्ण भी मुस्करा उठे. इसके बाद वह मुरली कान्हा जी की पहचान बन गई.
मुरली के शुभ उपाय
ज्योतिष शास्त्रियों के मुताबिक जो लोग मानसिक तनावों से जूझ रहे हैं. वे अपने घर और कार्यस्थल के मुख्य द्वार पर 2-2 मुरली लटका लें. ऐसा करने से नकारात्मक शक्तियां भाग जाती हैं और इंसान की सारी चिंताएं दूर हो जाती हैं.
काफी कोशिश के बावजूद अगर किसी का कर्ज कम होने का नाम नहीं ले रहा हो या नौकरी लगने में बाधा आ रही हो तो उसे घर के मंदिर में एक मुरली लटका देनी चाहिए. वह मुरली अपने साथ सकारात्मक ऊर्जा को लेकर आती है, जिससे बिगड़े काम बनने लगते हैं.
जो परिवार आर्थिक तंगी से जूझ रहे हैं, उन्हें जन्माष्टमी के दिन व्रत रखकर शाम के समय कान्हा जी की विधिवत पूजा- अर्चना करके उन्हें मुरली भेंट करनी चाहिए. ऐसा करने कान्हा जी बहुत प्रसन्न होते हैं और जातक की सारी मुसीबतों को हर लेते हैं.
जिन दंपति के बच्चे पढ़ने में ज्यादा रूचि नहीं लेते या उद्दंड होते जाते हैं, उन्हें सोते समय बच्चों के तकिये या कमरे के दरवाजे पर मुरली टांग देनी चाहिए. कहते हैं कि ऐसा करने से परिवार में खुशियों का माहौल पसर जाता है और बच्चे पढ़ने में रूचि लेने लगते हैं.