मैहर के इस गांव का हर आदमी है ‘मांझी’, बिना सरकारी मदद के 11 दिन में खड़ा कर दिया पुल, जमकर हो रही तारीफ

सतना: मध्य प्रदेश के मैहर में एक गांव के लोगों ने सरकारी उदासीनता से निराश होने की जगह मिसाल पेश की है। एक जुटता की मिसाल पेश करते हुए नदी पर बांस का पुल तैयार कर अपना रास्ता तैयार किया है। पिछले 11 दिनों से घरों में कैद ग्रामीणों की फरियाद जब जिला प्रशासन ने नहीं सुनी तक सभी ने लकड़ी का पुल बना लिया।

यह मामला मैहर जिला मुख्यालय से लगभग 55 किमी की दूरी पर स्थित करौंदिया गांव का है। कहने के लिए यह गांव नगर परिषद न्यू रामनगर का हिस्सा है, लेकिन एक दशक से नगर परिषद यहां रहने वाले लोगों के लिए एक पुल तक मंजूर नहीं कर सका है।

लोगों को हो रही दिक्कत

करौंदिया गांव में लगभग कई सौ परिवार रहते हैं। जिनके स्कूल, कॉलेज, खेती और रोजगार के सभी साधन-सुविधाएं पूरी तरह से बाहरी क्षेत्र पर निर्भर हैं। पर बरसात के दिनों में सड़क की हालात खस्ता हो जाती है। नदी के उफान के कारण बच्चे स्कूल नहीं पहुंच पाते। पानी कई फुट ऊपर चलता है। किसान खेतों तक नहीं जा पाते। मरीज रास्ते के अभाव में घरों में कैद रहते हैं। कुल मिलाकर पुल नहीं होने से सभी का जीवन बेहद दिक्कतों में है।

गांव वालों ने कई बार की प्रशासन से अपील

कई बार ग्रामीणों ने जिला प्रशासन को इस बारे में उचित कदम उठाने का आग्रह किया है। उन्हें हर बार केवल आश्वासन मिले। पिछले दिनों जिला कलेक्टर ने भी सात दिन के अंदर रास्ता और पुल की व्यवस्था करने का आश्वासन दिया था, लेकिन हकीकत में कुछ नहीं हुआ।

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