अगले 15 दिन में मनेंगे कई बड़े त्‍योहार, जानें हरितालिका तीज गणेश चतुर्थी की तारीख

भाद्रपद माह का शुक्ल पक्ष हिंदू धर्म में बहुत खास माना गया है क्‍योंकि इन 15 दिनों में लगभग हर दिन कोई ना कोई व्रत-त्‍योहार आता है. इसी बीत सुहागनें पति की लंबी उम्र के लिए हरतालिका तीज का कठिन व्रत रखती हैं. तो दुनिया भर में मशहूर गणेश उत्‍सव पर्व भी मनाया जाता है. इसके अलावा भी राधा अष्‍टमी, महालक्ष्‍मी व्रत, परिवर्तनी एकादशी, वराह जयंती आदि पर्व भी आते हैं. जानिए इन पर्व-त्‍योहारों की तारीख और पूरी लिस्‍ट.

भाद्रपद शुक्‍ल पक्ष की तृतीया तिथि को हरतालिका तीज का व्रत रखा जाता है. इस साल 6 सितंबर 2024 को हरतालिका तीज मनाई जाएगी. इस साल हरतालिका तीज पर शुक्ल योग बन रहा है, जिसे बहुत शुभ माना गया है. इसके अलावा गर, वणिज करण के साथ हस्त नक्षत्र का संयोग बनेगा. वहीं चंद्रमा तुला राशि में रहेंगे. इन शुभ योगों में किया गया पूजा-पाठ हर मनोकामना पूर्ति करता है. महिलाएं इस दिन सोलह श्रृंगार करके विधि-विधान से भगवान शिव और माता पार्वती की पूजा करें. साथ ही निर्जला व्रत रखें.

गणेश चतुर्थी 2024 

भाद्रपद शुक्‍ल चतुर्थी से गणेश उत्‍सव आरंभ होता है. घरों में और सार्वजनिक स्‍थानों पर गणपति बप्‍पा की प्रतिमाएं विराजमान की जाती हैं. 10 दिन तक भक्‍त विघ्‍नहर्ता गणेश की धूमधाम से पूजा-अर्चना करते हैं और उत्‍सव मनाते हैं. 10वें दिन अनंत चतुर्दशी पर गणपति विसर्जन के साथ गौरी पुत्र गणेश को विदाई दी जाती है.

इस साल गणेश चतुर्थी 7 सितंबर शनिवार को मनाई जाएगी. वैसे तो बप्पा के लिए किसी मुहूर्त की आवश्यकता नहीं होती क्योंकि, वे विघ्नहर्ता हैं. लेकिन हिंदी पंचांग के अनुसार, इस साल गणेश चतुर्थी के दिन गणपति स्‍थापना के लिए शुभ मुहूर्त 11 बजकर 03 मिनट से से दोपहर में 1 बजकर 34 मिनट तक रहेगा.

15 दिन में पड़ेंगे और भी कई त्‍योहार 

8 सितंबर 2024- ऋषि पंचमी
9 सितंबर 2024- स्कंद षष्ठी
10 सितंबर 2024- ललिता सप्तमी, ज्येष्ठ गौरी आवाहन
11 सितंबर 2024- राधा अष्टमी, महालक्ष्मी व्रत आरंभ
12 सितंबर 2024- ज्येष्ठ गौरी विसर्जन
14 सितंबर 2024- एकादशी परिवर्तिनी एकादशी
15 सितंबर 2024- शुक्ल द्वादशी वामन जयंती, ओणम, भुवनेश्वरी जयंती
16 सितंबर 2024- विश्वकर्मा पूजा, कन्या संक्रांति
17 सितंबर 2024, मंगलवार – अनंत चतुर्दशी, पूर्णिमा श्राद्ध, भाद्रपद पूर्णिमा व्रत
18 सितंबर 2024- पितृपक्ष प्रारंभ, प्रतिपदा श्राद्ध, चंद्रग्रहण आंशिक, भाद्रपद पूर्णिमा

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