कभी बरसात, कभी उमस भरी गर्मी: रोज बदलते मौसम से दिमाग को पहुंचता है नुकसान, कैसे दुरुस्त रखें मेंटल हेल्थ?

देश के कई हिस्सों में इन दिनों मौसम का मिजाज लगातार बदल रहा है. एक ओर जहां गुजरात, महाराष्ट्र जैसे राज्यों में भारी बारिश से जनजीवन अस्त-व्यस्त है, वहीं दिल्ली, उत्तर प्रदेश जैसे राज्यों में उमस भरी गर्मी ने लोगों को बेहाल कर दिया है. दिल्ली-यूपी में तो ऐसा मौसम चल रहा है कि किसी दिन बारिश और अलग ही दिन उमस भरी गर्मी. हालात ऐसे हो गए हैं कि दो लगातार दिनों के तापमान में 4-5 डिग्री सेल्सियस का अंतर देखने को मिल रहा है. इस अचानक बदले मौसम का असर सिर्फ हमारी सेहत पर ही नहीं बल्कि हमारी मानसिक सेहत पर भी पड़ रहा है.

रोज बदलते मौसम के कारण लोगों में मानसिक उथल-पुथल देखी जा रही है. एक दिन तेज धूप और गर्मी तो दूसरे दिन बारिश और उमस, ऐसे अचानक बदलाव हमारे शरीर की बायोलॉजिकल घड़ी को प्रभावित करते हैं. इससे नींद की समस्याएं, चिंता, तनाव और मूड स्विंग्स जैसी समस्याएं पैदा हो सकती हैं.

मौसम में अचानक बदलाव हमारे दिमाग पर गहरा प्रभाव डाल सकता है. तापमान के उतार-चढ़ाव से न केवल शारीरिक बल्कि मानसिक थकान भी बढ़ती है. लोग बेवजह गुस्सा करने लगते हैं, बात करते-करते अचानक गुमसुम हो जाते हैं, और कई बार उलझन और नींद में कमी की समस्या हो जाती है.

लक्षण
* नींद न आना या अधिक नींद आना
* चिंता और तनाव
* मूड स्विंग्स
* ध्यान केंद्रित करने में कठिनाई
* भूलने की बीमारी
* चिड़चिड़ापन
* बेचैनी
* थकान

क्या कहते हैं आंकड़े?
एक हालिया सर्वेक्षण के अनुसार, मौसम में बदलाव के कारण मानसिक रोगियों की संख्या में तेजी से वृद्धि हुई है. अस्पतालों में मानसिक रोगियों की संख्या में लगभग तीन गुना का इजाफा हुआ है.

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