जंगल में करंट लगाकर जंगली जानवर का शिकार करने के दौरान युवक के साथ तेंदुए की मौत

Shahdolशहडोल : जिले में करंट लगाकर जंगली जानवरों का शिकार करने का मामला रुकने का नाम नहीं ले रहा है। जंगल में करंट लगाकर जंगली जानवर का शिकार करने के दौरान एक युवक के साथ तेंदुए की मौत का मामला प्रकाश में आने के बाद वन विभाग के अधिकारियों में हड़कंप मच गया है। घटना गोहपारू वन परिक्षेत्र अंतर्गत चुहिरी सर्किल के कोडार बीट की है। बुधवार की सुबह तेंदूऐ के शव से 100 मीटर की दूरी में एक युवक का शव मिला है।

बताया गया कि युवक कमलेश बैगा पिता बिरजू बैगा उम्र 38 वर्ष निवासी ग्राम कुदरी का रहने वाला था, जिसका कोडार बीट के जंगल में तेंदुए के शव के पास ही युवक का शव मिला है। सुबह जंगल की ओर गए ग्रामीणों ने तेंदुए के पास पड़े युवक के शव को देखकर मामले की जानकारी पुलिस के साथ वन विभाग के अधिकारियों को दी। जानकारी मिलने के बाद वन विभाग के अधिकारी एवं पुलिस मौके पर पहुंच मामले की पड़ताल में जुटी हुई है। जहां यह दोनों शव मिले हैं, वहां 11 हज़ार केवी की लाइन से जंगल में करंट बिछाया गया था। करंट की चपेट में आने से ही दोनों की मौत होने की बात भी सामने आई है। हालांकि, इस मामले पर वन विभाग के साथ पुलिस जांच कर रही है।

ग्रामीणों ने बताया कि मृतक कमलेश बैगा जंगल में शिकार करने अपने अन्य साथियों के साथ गया था। तभी 11 हज़ार केवी की लाइन से जीआई तार के माध्यम से जंगली जानवरों के शिकार के लिए बिछाए गए करंट की चपेट में युवक खुद आ गया और उसकी मौत हुई है। युवक को करंट लगता देख उसके अन्य साथी वहां से फरार हो गए, कुछ देर उसी रास्ते जा रहा तेंदुआ भी इसकी चपेट में आ गया, जिससे दोनों की ही मौत हो गई। वन विभाग अधिकारी अपनी टीम के साथ घटना स्थल बुधवार की सुबह पहुंचे और जांच कर रहे हैं, रेंजर ने अभी कुछ भी स्पष्ट नहीं कहा है।

आए दिन जंगल में लगाए जाते हैं करंट बीते दिनों केशवाही वन परिक्षेत्र के जंगल में जंगली जानवरों के शिकार के लिए लगाए गए करंट में पिता पुत्री चपेट में आ गए थे, जिससे दोनों बुरी तरीके से झुलस गए थे। ग्रामीणों का यह भी आरोप था कि वन विभाग के अधिकारियों के साठ गाठ से शिकारी यहां शिकार करते हैं। गोपाहरू वन परिक्षेत्र में कई तेंदुए जंगल में विचरण कर रहे हैं। लेकिन वन विभाग की गश्ती पर यह घटना ने बड़ा सवाल खड़ा कर दिया है। अधिकारी तो कागजों में कई बार निर्देश जारी करते रहते हैं। लेकिन मैदानी अमला गस्ती नहीं करता, जिसकी वजह से ऐसी घटनाएं सामने आ रही हैं।

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