आधुनिक उपचार उपलब्ध कराने वाला जबलपुर का विक्‍टोरिया पहला जिला स्तरीय अस्पताल होगा

जबलपुर के विक्टोरिया जिला अस्पताल में सुविधाओं में विस्तार और आधुनिक उपचार के लिए प्रारंभिक कार्ययोजना तैयार कर ली गई है। लोक स्वास्थ्य एवं चिकित्सा शिक्षा विभाग से स्वीकृति प्राप्त होते ही सुपर स्पेशलिटी आर्थो सेंटर को आरंभ कर दिया जाएगा। यह प्रदेश में जिला स्तरीय पहला सरकारी अस्पताल होगा, जहां पर सपुरस्पेशलिटी आर्थो सेंटर होगा।

ऐसे प्रशस्त हुआ मार्ग

जिला अस्पताल में हड्डी रोग विभाग के डा. अमितेश चतुर्वेदी और डा. सुनील पटेल आथोपेडिक सर्जन है। दोनों कुशल ज्वाइंट रिप्लेसमेंट सर्जन भी हैं। इनकी टीम ने गत वर्ष एक मरीज का सफल कूल्हा (हिप) प्रत्यारोपण किया था। यह पहली बार था जब प्रदेश में किसी सरकारी जिला अस्पताल में टोटल हिप रिप्लेसमेंट हुआ। इसके बाद आधुनिक आर्थो सेंटर बनाने के प्रयास हुए। डा. चतुर्वेदी को बैंगलुरु से सुपर स्पेशलिटी प्रशिक्षण दिलाया गया। विशेषज्ञ टीम तैयार होने पर अब अन्य संसाधन जुटाकर मरीजों को राहत देने की तैयारी है।

प्रतिदिन की स्थिति…

  • 50 के लगभग मरीज अस्थि रोग संबंधी समस्या लेकर आते हैं।
  • 40 प्रतिशत मरीज इसमें जोड़ दर्द एवं संबंधित परेशानी के रहते हैं।
  • चार से पांच सर्जरी (सामान्य रुटीन आपेरशन) की जा रही है।

अलग वार्ड है, बनेगी समर्पित ओटी

जिला अस्पताल में अस्थि रोग का अलग वार्ड है। अस्थि रोग विभाग के लिए पृथक शल्य क्रिया कक्ष (ओटी) है। दुर्घटना में घायलों एवं अस्थि रोग से पीड़ित मरीजों के नियमित रुप से आपरेशन किए जाते है। वर्तमान ओटी का ही उन्नयन कर अब उसे प्रत्यारोपण के लिए समर्पित ओटी में बदला जा रहा है। सर्जरी के आवश्यक आधुनिक उपकरण मंगाए गए है। अन्य सुविधाओं में विस्तार किया जा रहा है।

बड़ा लाभ, नि:शुल्क उपचार

निजी अस्पताल में जोड़ प्रतिस्थापन पर दो लाख रुपये से अधिक शुल्क चुकाना हाेता है। जिला अस्पताल में सेंटर बनने पर पीड़ितों को नि:शुल्क उपचार उपलब्ध होगा। अस्पताल को आयुष्मान योजना में पंजीकृत कराने के प्रयास भी किए जा रहे है, ताकि इंप्लांट का आर्थिक भार भी रोगी पर ना पड़ें। अस्पताल में रियायती दर पर सीटी स्कैन की सुविधा भी है। इससे मरीजों की जांच सुविधा में समस्या नहीं है।

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