मध्य प्रदेश में पहली बार पेपरलेस वोटिंग की शुरुआत की गई है। भोपाल के बैरसिया तहसील में बुधवार को पंचायत उपचुनाव था, जिसमें एक बूथ में पेपरलेस वोट डाले गए। पेपरलेस वोटिंग का प्रयोग करने वाला मध्य प्रदेश देश का पहला राज्य है। भारत में अब तक पेपरलेस मतदान नहीं हुआ।
दरअसल, मध्य प्रदेश में बुधवार, 11 सितंबर को पंचायत और नगरीय निकायों में उपचुनाव थे। बैरसिया तहसील की रतुआ रतनपुर पंचायत में भी बुधवार सुबह 7 वोटिंग शुरू हुई। इस दौरान यहां की एक बूथ में पेपरलेस वोट डाले गए। पूर्व सरपंच की मौत के बाद यह सीट रिक्त हुई थी।
राज्य निर्वाचन आयुक्त ने पेपरलेस वोटिंग के लिए रतनपुर पंचायत को पायलट प्रोजेक्ट के तौर पर चुना था। बूथ एजेंट्स को दिए जाने वाले मतपत्र लेखा को ऑनलाइन कर दिए गए हैं। पेपरलेस वोटिंग के लिए 26 में से 2 फॉर्मेट ऑनलाइन कर प्रोसेस किया गया।
एक क्लिक पर मतदाता की पहचान
पेपरलेस वोटिंग में मतदाता की पहचान और बूथ में कितने लोगों ने वोट डाला है, इस बात की जानकारी एक क्लिक पर उपलब्ध हो जाती है। पोलिंग पार्टियों को अभी इसकी मैनुअली रिपोर्ट देनी होती है। नई पद्धति में पोलिंग पार्टियों को सिर्फ टैबलेट और पेनड्राइव दिए जाएंगे।
2056 वोटर, दो कैंडीडेट
भोपाल जिले की रतुआ रतनपुर पंचायत में जय सिंह जाट की सरपंच थे। उनके निधन पर सीट रिक्त होने पर बुधवार उपचुनाव हुआ। इस पंचायत में 2056 वोटर हैं। उपचुनाव में सविता जाट और उधम सिंह दो ही कैंडिडेट उतरे थे। सविता जाट पूर्व सरपंच की पत्नी हैं।