अश्विन महीने की अमावस्या को पितृ मोक्ष अमावस्या या सर्व पितृ अमावस्या कहते हैं. 15 दिन के पितृ पक्ष का समापन सर्व पितृ अमावस्या के दिन होता है. इसे महालया भी कहते हैं. सर्व पितृ अमावस्या के दिन ज्ञात और अज्ञात पितरों को विदाई दी जाती है. ताकि पितृ प्रसन्न और संतुष्ट होकर पितृलोक लौटें. सर्व पितृ अमावस्या के दिन उन पूर्वजों का भी श्राद्ध, तर्पण, पिंडदान आदि किया जाता है, जिनकी तिथि ज्ञात नहीं होती है. गरुड़ पुराण में भी सर्व पितृ अमावस्या के महत्व का वर्णन किया गया है. साथ ही पितृ अमावस्या के दिन पितरों को प्रसन्न करने के उपाय भी बताए गए हैं. मान्यता है कि पितृ अमावस्या के दिन विधि-विधान से किए गए श्राद्ध कर्म और उपाय पितरों को मोक्ष दिलाते हैं. साथ ही जातक को अपार सुख-समृद्धि दिलाते हैं.
इस साल सर्व पितृ अमावस्या 2 अक्टूबर 2024 को है. साथ ही इस दिन सूर्य ग्रहण भी लग रहा है. पंचांग के अनुसार अश्विन अमावस्या या पितृ अमावस्या 1 अक्टूबर 2024 की रात 09:39 पर शुरू होगी और 2 व 3 अक्टूबर की मध्यरात्रि 12:18 पर समाप्त होगी.
पितृ अमावस्या के उपाय
यदि पितर अतृप्त होकर पितृ लोक लौटते हैं तो परिवार को पितृ दोष झेलना पड़ता है. पितृ दोष घर में बीमारी, अशांति, गरीबी लाता है. वंश वृद्धि और करियर में उन्नति रुक जाती है. इसलिए सर्व पितृ अमावस्या के दिन ज्ञात और अज्ञात पितरों का श्राद्ध और तर्पण जरूर करें. साथ ही गरुड़ पुराण में बताए गए ये काम भी करें.
पंचबलि कर्म: गरुड़ पुराण के अनुसार सर्व पितृ अमावस्या पर पंचबलि कर्म जरूर करें. पंचबलि कर्म से मतलब है गाय, कुत्ता, कौए, देव और चीटियों के लिए भोजन निकालें.
तर्पण और पिंडदान: सर्व पितृ अमावस्या के दिन तर्पण और पिंडदान जरूर करें.