भगवान श्रीहरि विष्णु एकादशी तिथि के स्वामी हैं. साल की सभी 24 एकादशी भगवान विष्णु को समर्पित हैं. सितंबर के आखिर में इंदिरा एकादशी पड़ रही है. अश्विन मास के कृष्ण पक्ष की एकादशी तिथि को इंदिरा एकादशी कहते हैं. इस एकादशी को विशेष माना गया है क्योंकि यह पितृ पक्ष में पड़ती है. इस तरह इंदिरा एकादशी के दिन भगवान विष्णु की पूजा तो की ही जाती है. साथ ही पितरों के निमित्त श्राद्ध भी किया जाता है. इस तरह यह व्रत भगवान विष्णु और पूर्वजों दोनों का आशीर्वाद दिलाता है. इस साल इंदिरा एकादशी व्रत 28 सितंबर 2024, शनिवार को रखा जाएगा. इस दिन इंदिरा एकादशी व्रत रखें, विधि-विधान से पूजा करें और उपाय भी करें.
– इंदिरा एकादशी के दिन पीपल के पेड़ के नीचे दीपक जलाएं. इसके बाद पीपल के पेड़ की 11 बार परिक्रमा करें. दरअसल, पीपल के पेड़ में त्रिदेव यानी ब्रह्मा, विष्णु और महेश का वास माना गया है. एकादशी के दिन पीपल के पेड़ की पूजा करना तीनों देवताओं की विशेष कृपा दिलाता है. साथ ही पितर भी प्रसन्न होते हैं.
– इंदिरा एकादशी के दिन विष्णु सहस्रनाम स्तोत्र पढ़ें. पूरे भक्ति-भाव से किया गया यह पाठ हर मनोकामना पूरी कर सकता है.
– इंदिरा एकादशी के दिन ‘ॐ नमो भगवते वासुदेवाय नमः’ मंत्र का कम-से-कम 108 बार जाप करें. इससे पितरों की आत्मा को शांति मिलेगी. साथ ही आपको कामों में सफलता मिलेगी.
– पितृ पक्ष में पड़ने वाली इस एकादशी के दिन गरीब-जरूरतमंदों को घी, दूध, दही, चावल आदि का दान करें. गरीबों को भोजन भी करवा सकते हैं या सामर्थ्यनुसार धन दें. इससे पितृ प्रसन्न होते हैं.
इंदिरा एकादशी के दिन दक्षिण दिशा में पितरों के निमित्त दीपक जलाएं. साथ ही काले कपड़े में एक मुट्ठी दाल काले तिल बांधकर घर की दक्षिण दिशा में रख दें. अगले दिन ये तिल गाय को खिला दें. इससे पितृ दोष दूर होता है.