घी और हल्दी वाले दूध पीना क्यों है जरूरी? जानिए इसके 7 जबरदस्त फायदे

 आप रोजाना रात में सोने से पहले दूध पीते होंगे, लेक‍िन अगर उसमें आज से ही घी और हल्‍दी म‍िलाकर पीना शुरू कर दें, तो आपको ऐसे फायदे देखने को म‍िलेंगे, ज‍िसके बारे में आपने अंदाजा भी नहीं लगाया होगा. आयुर्वेद में हल्‍दी, दूध और घी, तीनों के कॉम्‍ब‍िनेशन को पावरहाउस बताया गया है. इसे पीने से न केवल प्रतिरक्षा प्रणाली बेहतर होती है, बल्‍क‍ि और भी कई बड़े फायदे (Ghee and turmeric milk Ayurveda benefits) होते हैं. चल‍िए जान लेते हैं.

1. द‍िमाग को तेज बनाता है  

2. बेहतर नींद देता है 

एक गिलास गर्म घी और हल्दी वाला दूध आरामदायक नींद लाता है. अपने शांत करने वाले गुणों के लिए जाना जाने वाला यह मिश्रण शरीर को आराम देता है, नींद की गुणवत्ता में सुधार करता है और तनाव के स्तर को कम करता है.

3. इम्यूनिटी बूस्ट करता है

घी और हल्दी वाला दूध शरीर के नेचुरल इम्‍युन‍िटी स‍िस्‍टम को मजबूत करता है. एंटीऑक्सीडेंट से भरपूर, ये शरीर को संक्रमण से लड़ने, सूजन को कम करने और समग्र प्रतिरक्षा को बढ़ाने में मदद करते हैं.

4. डाइजेशन को बेहतर करता है  

दूध में मौजूद घी पाचन तंत्र को चिकनाई देकर पाचन में सहायता करता है. यह मिश्रण कब्ज को रोकने में मदद करता है और आवश्यक पोषक तत्वों के अवशोषण को बढ़ाता है, जिससे पाचन सुचारू होता है.

5. जोड़ों की सेहत में सुधार करता है

घी और हल्दी वाला दूध जोड़ों के दर्द और सूजन को कम करता है. हल्दी के सूजनरोधी गुण और घी की चिकनाई मिलकर जोड़ों को स्वस्थ रखते हैं और गठिया के लक्षणों को कम करते हैं.

6. नेचुरल डिटॉक्सिफायर

यह आयुर्वेदिक उपाय लीवर को डिटॉक्स करने और विषाक्त पदार्थों को बाहर निकालने में मदद करता है. घी के फैटी एसिड और हल्दी के एंटीऑक्सीडेंट मिलकर लीवर को साफ करते हैं और डिटॉक्सिफिकेशन को बढ़ावा देते हैं.

7. हार्मोन को बैलेंस करता है

दूध में घी हार्मोन प्रोडक्‍शन और बैलेंस को रेगुलेट करने में मदद करता है. अपने हेल्‍दी फैट के साथ, यह इंड्रोक्राइन स‍िस्‍टम को सपोर्ट करता है और हल्दी, हार्मोन से संबंधित सूजन को कम करने में मदद करती है.

अध्ययन के निष्कर्ष

नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ हेल्थ (NIH) के एक अध्ययन में हल्दी में मौजूद कर्क्यूमिन के फायदों के बारे में बताया गया है, जो सूजन को कम करने और प्रतिरक्षा को बढ़ाने में मदद करता है.

Comments (0)
Add Comment