कैमोर/रीवा जिले में एक प्रेस फोटो ग्राफर (पत्रकार) के साथ रीवा सिविल लाइन पुलिस थाना प्रभारी और एक आरक्षक द्वारा अभद्रता किए जाने की घटना ने पत्रकारिता की स्वतंत्रता को लेकर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं। इस घटना के बाद पत्रकार संघ कैमोर ने मुख्यमंत्री डॉक्टर मोहन यादव के नाम अनुविभागीय अधिकारी राजस्व महेश मंडलोई विजयराघवगढ़ के द्वारा/माध्यम से एक ज्ञापन सौंपा है, जिसमें उन्होंने उक्त घटना की निंदा की और पत्रकारों के अधिकारों के सुरक्षा की मांग की है।
ज्ञापन में पत्रकार संघ कैमोर ने कहा है कि पत्रकार देश का चौथा स्तंभ है और पुलिस द्वारा इस तरह की अभद्रता केवल पत्रकारों के अधिकारों का हनन नहीं है, बल्कि इससे समाज में नकारात्मक संदेश भी जाता है। संघ ने मांग की है कि इस घटना की निष्पक्ष जांच की जाए और दोषी पुलिसकर्मियों के खिलाफ वैधानिक कार्यवाही की जाए।
पत्रकारों ने बताया कि इस घटना के बाद उनकी सुरक्षा को लेकर चिंता बढ़ गई है। संघ ने यह भी कहा है कि पत्रकारों को अपने कार्य को निर्भीकता से करने का अधिकार है और इसके लिए उन्हें सुरक्षा की आवश्यकता है।
पत्रकार संघ कैमोर ने यह भी उल्लेख किया कि पुलिस को पत्रकारों के प्रति संवेदनशील होना चाहिए, ताकि वे अपनी जिम्मेदारियों का निर्वहन कर सकें।
उक्त घटना ने पुलिस और पत्रकारों के बीच संबंधों को एक नई चुनौती दी है, जिससे यह स्पष्ट हो गया है कि पत्रकारिता की स्वतंत्रता और सुरक्षा को सुनिश्चित करना एक अनिवार्य आवश्यकता है। पत्रकार संघ कैमोर ने मुख्यमंत्री से इस मुद्दे पर गंभीरता से विचार करने का अनुरोध किया है, ताकि भविष्य में ऐसी घटनाओं की पुनरावृत्ति न हो सके। ज्ञापन देने गए प्रतिनिधि मंडल में पत्रकार संघ कैमोर के अध्यक्ष अनिल चावला,वरिष्ठ पत्रकार राजेश सिंघई, कार्यकारी अध्यक्ष गुलशन चक्रवर्ती,मोहम्मद जमील खान, संतशरण सिंह, श्याम गुप्ता,मोना खान उपस्थित रहे।
कैमोर ब्यूरो गुलशन चक्रवर्ती