सेना प्रमुख का बड़ा बयान: भारत-चीन समझौते पर बोले- लद्दाख में LAC पर 2020 की स्थिति बहाल होने पर ही होगा डिसइंगेजमेंट

भारतीय सेना प्रमुख जनरल उपेंद्र द्विवेदी ने मंगलवार को बयान दिया कि लद्दाख में वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) पर चीन के साथ सेना का डिसइंगेजमेंट तभी होगा जब हालात अप्रैल 2020 की स्थिति में वापस लौटेंगे। यह बयान ऐसे समय आया है जब भारत और चीन के बीच पिछले चार साल से चल रहे गतिरोध के बाद डिसइंगेजमेंट पर सहमति बनी है। सेना प्रमुख ने कहा कि हम चीन के साथ विश्वास बहाल करने की कोशिश कर रहे हैं।

2020 की स्थिति बहाल होने पर ही डिसइंगेजमेंट
जनरल द्विवेदी ने स्पष्ट किया कि भारत की नीति शुरू से ही साफ रही है। जब तक अप्रैल 2020 की स्थिति बहाल नहीं होती, तब तक डिसइंगेजमेंट (disengagement) और डी-एस्केलेशन (de-escalation) की प्रक्रिया नहीं होगी। उन्होंने कहा, “हमारा हमेशा से यही स्टैंड रहा है कि पहले हम अप्रैल 2020 की स्थिति पर लौटें। उसके बाद ही हम आगे की प्रक्रिया पर विचार करेंगे। अभी हम विश्वास बहाली के लिए काम कर रहे हैं।” उन्होंने यह भी कहा कि जब दोनों पक्ष बफर जोन से बाहर रहेंगे, तभी स्थिति सामान्य हो सकेगी।

भारत-चीन के बीच हुआ समझौता
भारत और चीन के बीच तनाव 2020 में शुरू हुआ था, जब चीन ने एलएसी पर आक्रामक रुख अपनाया था। इसके बाद से दोनों देशों के संबंधों में कड़वाहट आ गई थी। लेकिन हाल ही में, भारत और चीन ने एलएसी पर गश्ती व्यवस्था (patrolling arrangements) को लेकर एक समझौता किया है। इस समझौते से दोनों देशों के बीच डिसइंगेजमेंट की प्रक्रिया शुरू हो गई है। विदेश सचिव विक्रम मिस्री ने सोमवार को बताया कि दोनों देशों ने मिलकर गश्ती के लिए एक नया सिस्टम तैयार किया है।

विवादित इलाकों को लेकर निकाला गया समाधान  
विदेश सचिव मिस्री ने यह भी बताया कि इस नए समझौते के तहत कई विवादित इलाकों पर समाधान निकाला गया है। उन्होंने कहा, “बीते कुछ हफ्तों में हुई चर्चाओं के बाद गश्त व्यवस्था को लेकर समझौता हुआ है। इससे पूर्वी लद्दाख के कुछ स्थानों पर तनाव कम हुआ है।” इस समझौते के बाद अब दोनों देशों के बीच कई अड़चनों का समाधान हो गया है, जो 2020 से बनी हुई थीं।

बफर जोन में भरोसा बहाल करने की कोशिश
सेना प्रमुख द्विवेदी ने कहा कि अब दोनों पक्षों के बीच बफर जोन में भरोसा बहाल करने की कोशिश की जा रही है। उन्होंने कहा, “हमारी कोशिश यह है कि दोनों पक्ष बफर जोन का सम्मान करें और इसे खाली रखें। इस प्रक्रिया में समय लगेगा, लेकिन जब तक दोनों पक्ष एक-दूसरे पर भरोसा नहीं कर लेते, तब तक हालात में सुधार की संभावना नहीं है।”

भारत-चीन संबंधों में सुधार की दिशा में बड़ा कदम
विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने भी इस दिशा में सकारात्मक रुख दिखाया है। उन्होंने कहा कि चीन के साथ संबंधों में सुधार की दिशा में यह बड़ा कदम है। हालात धीरे-धीरे सामान्य हो रहे हैं, लेकिन चीन को यह समझना होगा कि भारत के साथ रिश्ते तभी सामान्य हो सकते हैं जब एलएसी पर हालात मई 2020 से पहले की स्थिति में लौट आएंगे।

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