वायनाड। कांग्रेस महासचिव और वायनाड लोकसभा सीट से उम्मीदवार प्रियंका गांधी वाड्रा ने सोमवार को केरल के मुख्यमंत्री पिनराई विजयन पर तुष्टिकरण की राजनीति करने का आरोप लगाया। उनका कहना है कि सीएम अब बहुसंख्यक समुदाय को खुश करने की कोशिश कर रहे हैं।
प्रियंका गांधी ने मुख्यमंत्री विजयन द्वारा आरएसएस और जमात-ए-इस्लामी की तुलना किए जाने के संबंध में मीडियाकर्मियों से कहा, “आम चुनावों के दौरान पिनराई विजयन ने सीएए मुद्दे पर चर्चा करके अल्पसंख्यकों को खुश करने की कोशिश की थी। लेकिन अल्पसंख्यक समुदाय से झटका मिलने के बाद, उन्होंने अब बहुसंख्यक समुदाय को खुश करना शुरू कर दिया है।”
उन्होंने कहा कि जमात-ए-इस्लामी (जेईआई) ने राज्य में पिछले पांच चुनावों में माकपा का समर्थन किया है।
प्रियंका गांधी ने कहा, “पिछले 30 साल से माकपा को जमात-ए-इस्लामी का समर्थन प्राप्त है। जब जमात माकपा के साथ थी, तब वे धर्मनिरपेक्ष थे, लेकिन माकपा छोड़ने के बाद वे अचानक सांप्रदायिक हो गए। यह माकपा का अवसरवाद है। सभी समुदाय एक के बाद एक माकपा छोड़ने लगे हैं।”
उन्होंने अपने चुनावी हलफनामे के बारे में भाजपा के आरोपों को भी खारिज करते हुए कहा कि भाजपा ध्यान आकर्षित करना चाहती है। भाजपा की ओर से उठाई गई आपत्तियों को अधिकारियों ने खारिज कर दिया है। उनके आरोप निराधार हैं। भाजपा केवल ध्यान आकर्षित करना चाहती है।”
बाद में वायनाड में डब्ल्यूएमओ कॉलेज पहुंचकर छात्रों को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि अपने लिए प्रचार करना एक अलग ही अनुभव है। प्रियंका ने कहा, “यह मेरे लिए एक नया एहसास है”, जहां बड़ी संख्या में छात्र उन्हें सुनने के लिए मौजूद हैं।
इसके बाद प्रियंका गांधी ने वहां मौजूद लोगों से पूछा कि वे वायनाड के लिए क्या चाहते हैं। जवाब मिला, “एक मेडिकल कॉलेज।”
उन्होंने जवाब दिया कि राहुल गांधी ने वायनाड के लिए एक मेडिकल कॉलेज के लिए काम किया था, लेकिन इसमें कुछ अड़चनें आईं और परियोजना को उचित आकार नहीं मिल सका। मैं यहां मेडिकल कॉलेज के लिए लड़ूंगी। हम सब इसके लिए मिलकर लड़ेंगे।”
मीडिया के इस सवाल पर कि वह चुनाव के बाद वायनाड में नजर नहीं आएंगी, प्रियंका गांधी ने कहा कि चुनाव अभी खत्म नहीं हुए हैं, हमें सही समय का इंतजार करना चाहिए।
प्रियंका सोमवार को वायनाड पहुंचीं हैं। वह वायनाड की सातों विधानसभा क्षेत्रों में जनसभाओं को संबोधित करेंगी। यहां 13 नवंबर को मतदान होना है।
इस साल हुए लोकसभा चुनाव में राहुल गांधी ने रायबरेली और वायनाड दोनों सीटों पर जीत दर्ज की थी। उन्होंने बाद में रायबरेली सीट अपने पास रखते हुए वायनाड की सांसदी से इस्तीफा दे दिया था। इसी कारण यहां उपचुनाव कराने की जरूरत पड़ी।