बिहार में पूर्णिया से निर्दलीय सांसद पप्पू यादव इन दिनों मुश्किल में हैं. दीन दुखियों की सेवा में हमेशा खड़े मिलने वाले पप्पू यादव जेल में बंद गैंगस्टर लॉरेंस बिश्नोई की धमकी के बाद से अकेले पड़ गए हैं. यहां तक कि उनकी पत्नी और कांग्रेस सांसद रंजीता रंजन ने भी उनसे किनारा कर लिया है. रंजीता रंजन ने तो सार्वजनिक घोषणा भी कर दी है कि उनका और उनके बच्चों का पप्पू यादव से अब कोई मतलब नहीं है. ऐसे हालात में पप्पू यादव चौतरफा युद्ध में घिर चुके हैं. इस प्रसंग में आगे बढ़ने से पहले पप्पू यादव और रंजीता रंजन के संबंधों को समझ लेना जरूरी है. आइए शुरू से शुरू करते है.
वह 90 का दशक था. बिहार में पप्पू यादव बाहुबली नेता के रूप में तेजी से प्रसिद्ध हो रहे थे. इसी बीच 1992 में उन्हें एक राजनीतिक मुकदमे में अरेस्ट कर लिया गया. जेल में रहने के दौरान ही पप्पू यादव की मुलाकात जेल की बाउंड्री के बाहर खेल रहे रंजीता रंजन के भाई विक्की से हुई थी. विक्की ने पप्पू यादव को अपना फेमिली एलबम दिखाया. इस एलबम में विक्की की बहन रंजीता की तस्वीर देखकर पप्पू यादव दिवाने हो गए. यह दिवानगी ऐसी थी कि पप्पू जब तक रंजीता को देख नहीं लेते, उन्हें चैन नहीं मिलता.
डेढ़ साल तक प्रपोज ही नहीं कर पाए पप्पू यादव
रंजीता पटना के मगध महाविद्यालय में पढ़ाई करने के साथ नेशनल और इंटरनेशनल टेनिस खेलती थीं. उनके मैच देखने के लिए पप्पू यादव अक्सर ग्राउंड में पहुंच जाते थे. करीब डेढ़ साल तक पप्पू यादव केवल पीछा ही करते रहे, लेकिन अपने प्यार का इजहार नहीं कर पाए. इसी बीच रंजीता ने पंजाब यूनिवर्सिटी में दाखिला ले लिया. इसी दौरान मौका देखकर पप्पू यादव ने बड़ी मुश्किल से हिम्मत बांधी और रंजीता के सामने जाकर अपने प्यार का इजहार कर दिया. उस समय रंजीता इंटरनेशनल टेनिस की तैयारी में व्यस्त थीं. उन्होंने पप्पू यादव के प्रेम प्रस्ताव को खारिज कर दिया.