देवउठनी का व्रत कार्तिक मास में शुक्ल पक्ष की एकादशी को पड़ता है। यह सालभर में पड़ने वाली सभी एकादशी में सबसे श्रेष्ठ मानी गई है। ऐसा माना जाता है कि इस दिन भगवान विष्णु, जो जगत के पालनकर्ता हैं वे 4 महीने की योग निद्रा से जागृत होते हैं। उनके उठने के दिन को देवउठनी, यानी देवता का उठना कहा जाता है।
एकादशी तिथि के अगले दिन से 4 महीने से बंद सभी मंगल-शुभ कार्य दोबारा से शुरु हो जाते हैं। भगवान विष्णु की पूजा कर, उनसे सुख-समृद्धि का आशीर्वाद मांगा जाता है। ऐसी मान्यता भी है कि इस दिन भगवान विष्णु की पूजा करने के साथ कुछ उपाए करने से कभी भी धन की कमी नहीं होती है। आईए जानते हैं उन उपायों को विस्तार से।
नहाने के पानी में डालें एक चुटकी हल्दी
इस दिन भगवान विष्णु का आशीर्वाद पाने के लिए नहाने के पानी में एक चुटकी हल्दी डालें। पीले रंग के वस्त्र पहनें। मान्यतानुसार ऐसा करने से भगवान का आशीर्वाद प्राप्त होता है।
करियर में होगा सुधार
अगर करियर-कारोबार अप-डाउन की स्थिति बनी है या फिर कोई रूकावट आ रही है तो भगवान विष्णु को केसर वाले दूध से अभिषेक करें। सारी परेशानियां दूर होंगी।
विवाह के योग
अगर, विवाह से जुड़ी समस्या आ रही है तो इस दिन भगवान को केसर, हल्दी या पीले चंदन का तिलक करें। पीले फूल अर्पित करें। ऐसा करने से विवाह के संयोग बनेंगे। जल्द अच्छे वर-बधु प्राप्ति होगी।
कर्ज से मिलेगी मुक्ति
कर्ज से मुक्ति पाने का उपाए है, देवउठनी एकादशी के दिन पीपल के पेड़ पर जल चढ़ाना। साथ ही शाम को इसी पेड़ के नीचे दीपक जलाएं। इस उपाए से आपको कर्ज से मुक्ति मिल सकती है।
नहीं होगी धन की कमी
अगर आप धन की कामना करते हैं, तो कार्तिक माह में तुलसी की पूजा करें। देवउठनी एकादशी के दिन तुलसी में गन्ने का रस मिलाकर अर्पित करें। देसी घी का दीपक जलाएं। तुलसी मां की आरती करें। विधि विधान से पूजा अर्चना करने से, धन की कमी नहीं होती। जीवन से आ रहीं सभी परेशानियों से मुक्ति मिल जाती है।