जयपुर । राजस्थान हाईकोर्ट (Rajasthan High Court) ने जल जीवन मिशन घोटाले में (In Jal Jeevan Mission Scam) ईडी को पक्षकार बनाने का (To make ED a party) आदेश दिया (Ordered) । राजस्थान हाईकोर्ट की जयपुर बेंच में जल जीवन मिशन के तहत हुए हजारों करोड़ के घोटालों को लेकर पब्लिक अगेंस्ट करप्शन संस्था द्वारा दायर की गई जनहित याचिका पर सुनवाई हुई। इस याचिका में कार्यकर्ता और अधिवक्ता पूनम चन्द भंडारी एवं डॉ. टी.एन. शर्मा ने ईडी (प्रवर्तन निदेशालय) को पक्षकार बनाने का प्रार्थना पत्र प्रस्तुत किया।
याचिकाकर्ता के अधिवक्ता ने तर्क दिया कि जल जीवन मिशन में घोटाले की सीमा केवल दो मामलों तक सीमित नहीं है, जिनमें सीबीआई जांच कर रही है, बल्कि कई अन्य गंभीर घोटाले भी सामने आए हैं जिन पर भी जांच होनी चाहिए। इसके साथ ही, सीबीआई द्वारा की गई कार्रवाई पर तथ्यात्मक रिपोर्ट की मांग की गई। अदालत ने राज्य सरकार को आदेश दिया कि वह अब तक की कार्यवाही की तथ्यात्मक रिपोर्ट पेश करे।
इस मामले में विशेष ध्यान देने योग्य बात यह है कि गणपती ट्यूबवेल और श्री श्याम कृपा ट्यूबवेल कंपनियों ने इरकॉन इंटरनेशनल लिमिटेड (जो भारत सरकार का उपक्रम है) के फर्जी कम्पलेशन सर्टिफिकेट प्रस्तुत किए थे, जिससे इन कंपनियों ने जल जीवन मिशन में लगभग 900 करोड़ रुपये के टेंडर प्राप्त कर लिए। इरकॉन ने दो बार इस फर्जीवाड़े के बारे में राजस्थान सरकार को पत्र लिखा, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं की गई। इसके बाद पब्लिक अगेंस्ट करप्शन संस्था के सदस्य डॉ. टी.एन. शर्मा ने भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो और पुलिस कमिश्नर को बार-बार लिखा, लेकिन फिर भी कोई ठोस कार्रवाई नहीं हुई।