स्कूल प्रिंसिपल को डिजिटल अरेस्ट में फंसाने की कोशिश, ऐसे हुआ खुलासा

भोपाल। पार्सल में टाइगर की खाल व फर्जी पासपोर्ट (Fake Passport) होने की बात बताते हुए ठगों न स्कूल प्राचार्य व उनकी पत्नी को कार्रवाई के नाम पर धमकाया तथा बाद में डिजिटल अरेस्ट (Digital Arrest) कर दिया। उनसे बैंक खातों की डिटेल भी ली गई। ठगी का आभास होते ही प्राचार्य ने स्क्रीन ऑफ की तथा डिजिटल दफ्तर पहुंच गए। यहां पर नकल पुलिस का सामना असली पुलिस से हो गया। पूरी वारदात का भंडाफोड़ होने से खिसियाए बदमाशों ने स्क्रीन पर असली पुलिस को ही धमकाना शुरू कर दिया। इस मामले में एक वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हुआ है जिसमें पीड़ित ने पूरी घटना के बार में बताया है। इधर पुलिस के अधिकारियों ने प्रकरण की जानकारी न होने की बात कही है।

 

 

जानकारी के अनुसार निजी स्कूल के संचालक व प्राचार्य फारुख अंजुम खान कोहेफिजा की हाउसिंग बोर्ड कॉलोनी में रहते हैं। शनिवार दोपहर उनके मोबाइल पर एक कॉल आया था। कॉल करने वाले व्यक्ति ने कहा कि मैं डीएचएल से बात कर रहा हूं। दिल्ली से बैकॉक जाने वाला आपका एक पार्सल है जो कि कस्टम में फंस गया है। आप कुछ क्लेरीफाई कर दें तो उसे आगे फारवर्ड किया जाए। फारुख ने कहा कि मैंने कोई पार्सल नहीं भेजा है। इस पर व्यक्ति ने कहा कि इसमें आपका आधार कार्ड लगा हुआ है। यह सुनते ही फरुख परेशान हो गए।
करोड़ों रुपए मनी लांड्रिग का मामला बताया
इसके बाद व्यक्ति ने बताया कि पार्सल में टाइगर की खाल है, नाखून हैं। 8 एटीएम कार्ड हैं, जूते हैं, 8 किलो कपड़े हैं इसके अलावा 18 पासपोर्ट भी हैं। सामान की यह सूची सुनते ही फरुख घबराए, लेकिन उन्होंने कहा यह पार्सल मेरा नहीं है। इस पर खुद को डीएचएल का कर्मचारी बता रहे उस व्यक्ति ने कहा कि अगर आपको लगता है कि कुछ गड़बड़ है तो आप दिल्ली सायबर सेल में शिकायत कर दें। इसके बाद उस व्यक्ति ने दिल्ली सायबर सेल से कनेक्ट कर दिया। इस सेल के अधिकारियों ने स्काइप ऐप लोड करवाने के बाद स्क्रीन पर बात करना शुरू कर दी। उन्होंने बताया कि आपके आधार कार्ड से अलग-अलग राज्यों में कई खाते खुले हैं, करोड़ों रुपए मनी लांड्रिग का मामला भी है।

बाथरूम में छिपाकर ले गए मोबाइल
फर्जी अधिकारियों ने कहा कि आपके खिलाफ वारंट जारी करना होगा। तीन महीने तक जांच चलेगी। उन्होंने बैंक खातों की जानकारी ले ली। इसके बाद उन्होंने फारुख व उनकी पत्नी को कमरे से कहीं भी बाहर नहीं जाने को कहा। आप मोबाइल व लैपटॉप को टच नहीं करेंगे। रात हो जाने पर उन्होंने कहा कि आप लोग लाइट बंद कर दीजिए, लेकिन स्क्रीन ऑफ नहीं करेंगे। अगले दिन सुबह फारुख दराज में रखा हुआ मोबाइल छिपाते बाथरूम में गए यहां पर उन्होंने सर्च किया तो उन्हें आभास हो गया कि वे डिजिटल अरेस्ट का शिकार हो गए हैं। बाथरूम से बाहर आते ही उन्होंने मोबाइल व लैपटॉप को बंद किया तथा भोपाल सायबर सेल के दफ्तर पहुंच गए।

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